Move to Jagran APP

भारतीय सेना में शामिल लाइट काम्बैट हेलीकाप्टर LCH की किन खूबियों के चलते दुश्‍मन सेना में मची खलबली

अमेरिकी अपाचे हेलीकाप्‍टर के रहते हुए आखिर सेना को इस स्‍वदेशी हलीकाप्‍टर की जरूरत क्‍यों महसूस हुई। इस हेलीकाप्‍टर के शामिल होने के बाद सेना की युद्धक क्षमता पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा। इस हेलीकाप्‍टर के सेना में शाम‍िल होने के बाद दुश्‍मन देशों में क्‍यों खलबली है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 11:43 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 11:43 AM (IST)
भारतीय सेना में शामिल लाइट काम्बैट हेलीकाप्टर LCH की किन खूबियों के चलते दुश्‍मन सेना में मची खलबली
Features of Light Combat Helicopter: LCH की किन खूबियां के चलते दुश्‍मन देशों में मची खलबली। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लाइट काम्बैट हेलीकाप्टर (LCH) को 29 सितंबर को भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिकी अपाचे हेलीकाप्‍टर के रहते हुए आखिर सेना को इस स्‍वदेशी हलीकाप्‍टर की जरूरत क्‍यों महसूस हुई। इस हेलीकाप्‍टर के शामिल होने के बाद सेना की युद्धक क्षमता पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा। इस हेलीकाप्‍टर के सेना में शाम‍िल होने के बाद दुश्‍मन देशों में क्‍यों खलबली है।

loksabha election banner

LCH की क्‍या है खूबियां

1- लाइट काम्बेट हेलीकाप्टर यानि LCH हेलीकाप्टर का वजन करीब छह टन है। इसके चलते ये हलीकाप्‍टर बेहद हल्का है। इसके उलट अपाचे हलीकाप्‍टर का वजन करीब दस टन है। वजन कम होने के चलते ये हाई आल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टैकआफ और लैंडिंग कर सकता है। LCH अटैक हेलीकाप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गईं 'मिस्ट्रल' एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल लग सकती हैं।

2- LCH में 70 एमएम के 12-12 राकेट के दो पाड लगे हुए हैं‌। इसके अलावा एलसीएच की नोज यानि फ्रंट में एक 20एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में मार करने में सक्षम है। पायलट के हेलमेट पर ही काकपिट के सभी फीचर्स डिसपिले हो जाते हैं। इसमें फ्रांस से ली गई मिस्ट्रल मिसाइल लग सकती है। यह मिसाइल हवा से हवा में मार करती है। इसके अलावा, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी इसमें लग सकती हैं।

3- इस हलीकाप्‍टर में इस तरह के स्टेल्थ फीचर्स हैं कि ये आसानी से दुश्मन के रडार की गिरफ्त में नहीं आएगा। इतना ही नहीं अगर एलसीएच ने अपनी मिसाइल में दुश्‍मन हेलीकाप्‍टर या फाइटर जेट को निशाना बनाया है तो वह उसको चकमा देते हुए प्रहार करने में सक्षम है। हेलीकाप्‍टर की पूरी बाडी आरमर्ड है, इसके चलते उस पर दुश्‍मन के फायरिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हेलीकाप्‍टर की रोटर्स यानि पंखों पर गोली का भी असर नहीं होगा।

सेना को एलसीएच की क्‍यों पड़ी जरूरत

1- भारत की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अमरिका का एडवांस अपाचे हलीकाप्‍टर फीट नहीं बैठ रहा था। ऐसे में सेना की जरूरतों को देखते हुए भारत ने एलसीएच के डिजाइन को तैयार किया है। अपाचे हेलीकाप्‍टर से भारत के सियाचिन और कारगिल जैसे दुर्गम इलाकों में दुश्‍मन सेना से निपटना एक बड़ी चुनौती थी। अपाचे पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर टके आफ लैंडिंग नहीं कर सकता है।

2- एलसीएच बेहद हल्‍का होने के कारण और खास रोटर्स के चलते पहाड़ों की ऊंचाइयों पर उतारना आसान हो गया है। एलसीएच स्वदेशी अटैक हेलीकाप्टर को करगिल युद्ध के बाद से ही भारत ने तैयार करने का मन बना लिया था, क्योंकि उस वक्त भारत के पास ऐसा अटैक हेलीकाप्टर नहीं था। यह हेलीकाप्‍टर 15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स को तबाह करने में सक्षम है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2016 में मंजूरी मिली थी।

सुरक्षा कैबिनेट समिति ने दी हरी झंडी

एलसीएच को स्वदेशी रक्षा उपक्रम, एचएएल ने तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी ने इसी साल मार्च में 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकाप्टर खरीदने की मंजूरी दी थी। 3,387 करोड़ में ये हेलीकाप्टर एचएएल से खरीदे गए हैं। इनमें से 10 हेलीकाप्टर वायुसेना के लिए हैं और पांच थलसेन के लिए हैं। भारतीय वायुसेना के पहले एलसीएच को जोधपुर में तैनात किया जाएगा। तीन अक्टूबर को जोधपुर में लाइट काम्बेट हेलीकाप्टर को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।

पूर्व लद्दाख में मुस्‍तैद हुआ LCH

भारतीय वायुसेना के लिए एलसीएच हेलीकाप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक हो चुका है। इस दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थे। यहां तक की औपचारिक तौर से वायुसेना में शामिल होने से पहले ही दो एलसीएच हेलीकाप्टर पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हो चुके हैं। 

LCH में 45 फीसद स्वदेशी उपकरण

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, LCH के LSP में 45 स्वदेशी उपकरण हैं। इसको बाद के संस्करणों में बढ़ाकर 55 फीसद तक कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हेलीकाप्टर अधिक सक्रिय, गतिशील, एक्सटेंडेड रेंज, ऊंचाई के इलाकों और चौबीसों घंटे तैनाती, लड़ाई के दौरान सर्च और रेस्क्यू, दुश्मन के एयर डिफेंस पर हमला और काउंटर इंसर्जेंसी आपरेशन की भूमिका निभाने के लिए हर मौसम में मुकाबला करने में सक्षम है।

यह भी पढ़ें: Ukraine War: खतरनाक मोड़ पर पहुंचा रूस यूक्रेन युद्ध, पोलैंड बांट रहा आयोडीन की गोलियां, क्‍या बन रहे हालात..?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.