भारत की Weapon Diplomacy, इंडिया किन देशों को बेच रहा है हथियार, टाप-25 देशों में शामिल
हथियारों के निर्यात के मामले में भारत ने एक ऊंचाई हासिल की है। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत इस दिशा में एक नए कीर्तिमान की ओर अग्रसर है। ऐसे में यह जानते हैं कि मोदी सरकार की वेपन डिप्लोमेसी क्या है।
नई दिल्ली, जेएनएन। India Weapons Exports: 21वीं सदी का भारत एक दम नया है। वह स्वावलंबी होने की दिशा में अग्रसर है। भारत ने सभी क्षेत्रों में पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवाया है। आज इस कड़ी में हम रक्षा क्षेत्र की बात करेंगे। भारत दुनिया के उन मुल्कों की जमात में शामिल हैं जो रक्षा क्षेत्र में एक नया आयाम हासिल कर रहे हैं। हथियारों के निर्यात के मामले में भारत ने एक ऊंचाई हासिल की है। मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत इस दिशा में एक नए कीर्तिमान की ओर अग्रसर है। ऐसे में यह जानते हैं कि मोदी सरकार की वेपन डिप्लोमेसी क्या है। भारत किन मुल्कों को अपने हथियार बेच रहा है। हथियार निर्यात के क्षेत्र में दुनिया में भारत की स्थिति क्या है।
हथियारों के निर्यात के मामले में क्या है भारत की स्थिति
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021 में भारत हथियार निर्यात के मामले में दुनियाभर में 24वें स्थान पर पहुंच गया है। यह हम नहीं बल्कि स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की 2021 की रिपोर्ट कह रही है। यानी हथियार निर्यात के क्षेत्र में भी भारत का दबदबा बढ़ा है। अब भारत हथियारों को खरीदता ही नहीं है बल्कि वह स्वेदशी हथियारों को दूसरे मुल्कों में बेच भी रहा है। 2012-16 से 2017-21 के बीच वैश्विक हथियारों के व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है। हालांकि, यह वैश्विक व्यापार के महज 0.2 फीसद है, लेकिन शीर्ष 25 निर्यातक देशों में भारत 24 वां सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है।
किन मुल्कों के साथ हुआ भारत का रक्षा सौदा
1- भारत ने हाल में ही कई मुल्कों के साथ रक्षा सौदे पर दस्तखत किए हैं। इनमें फिलीपींस, वियतनाम और आर्मीनिया का नाम शामिल है। भारत ने आर्मीनिया से दो हजार करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया है। इस करार के तहत भारत, आर्मेनिया को मिसाइल, राकेट और कई अन्य तरह के गोला-बारूद देगा। भारत ने फिलीपींस के साथ 37.4 करोड़ डालर के रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल देगा।
2- इसी तरह से भारत की वियतनाम के साथ भी रक्षा सौदे पर वार्ता चल रही है। इसके तहत भारत वियतनाम को अपनी ब्रह्मोस मिसाइल देगा। इन सभी देशों की भारत के दुश्मन देशों के साथ पुरानी दुश्मनी है। ऐसे में भारत एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश भी कर रहा है। इसके अलावा अर्जेंटीना और मलेशिया के साथ तेजस लड़ाकू विमान की बिक्री को लेकर भी अडवांस स्टेज में बातचीत चल रही है। इंडोनेशिया और थाईलैंड भी हथियारों की खरीद को लेकर भारत के साथ वार्ता कर रहे हैं। इनके अलावा छोटे-छोटे देशों को भी हथियार देकर एक बड़े मार्केट पर कब्जा करने की रणनीति पर भी काम किया जा रहा है।
3- भारत से जो देश बड़ी तादाद में हथियार निर्यात कर रहे हैं, उनमें म्यांमार, श्रीलंका और मारीशस प्रमुख हैं। इस मामले में म्यांमार काफी खास है। चीन और रूस के बाद भारत को तीसरा सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता है। म्यांमार के कुल रक्षा उपकरणों के आयात का 17 फीसद हिस्सेदारी भारत की है। श्रीलंका और आर्मेनिया, भारत के हथियारों के बड़े निर्यातक देश है। दोनों मुल्कों से भारत का रक्षा निर्यात का 25 फीसद और 11 फीसद हिस्सा है।
हथियार उद्योग को विकसित कर रहा भारत
भारत तेजी से अपनी हथियार उद्योग को विकसित कर रहा है। इसके लिए दो डिफेंस कारिडोर भी बनाए गए हैं। इनमें से पहला उत्तर प्रदेश और दूसरा तमिलनाडु में स्थापित किया गया है। डिफेंस कारिडोर वह क्षेत्र होता है, जहां रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के हथियारों के निर्माण के लिए प्लांट स्थापित करती हैं। इनमें सार्वजनिक निकाय, प्राइवेट सेक्टर और एमएसएई कंपनियां शामिल होती हैं। डिफेंस कारिडोर में बड़े पैमाने पर रक्षा उपकरणों जैसे मिसाइलें, राकेट, लड़ाकू विमान के पुर्जे, बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, तोप और उसके गोले, रायफलें बनाने की योजना है।
दुनिया के बड़े हथियार निर्यातक देश
हालांकि, वहीं हथियारों को निर्यात करने के मामले में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शीर्ष पांच में शामिल हैं। इन देशों ने मिलकर 2017-21 के दौरान कुल 77 फीसद हथियार निर्यात किया। इन मुल्कों का हथियार निर्यात में दबदबा है। जहां तक भारत का सवाल है तो वित्त वर्ष 2015 में 1,941 करोड़ रुपये से 2021-22 में रक्षा निर्यात का मूल्य बढ़कर 11,607 करोड़ रुपये हो गया है।
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