Move to Jagran APP

तालिबान शासन को लेकर क्‍या है भारत का स्‍टैंड, चीन-पाकिस्‍तान-रूस की तिगड़ी ने पेश की बड़ी चुनौती

अफगानिस्‍तान में तालिबान के प्रभुत्‍व के साथ यह सवाल उठने लगा है कि भारत की क्‍या रणनीति होनी चाहिए। तालिबान के साथ भारत का रुख कैसा रहेगा। भारत के समक्ष क्‍या बड़ी चुनौती होगी। पाकिस्‍तान चीन और रूस की रणनीति से भारत की चिंता क्‍यों बढ़ गई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 10:43 PM (IST)
तालिबान शासन को लेकर क्‍या है भारत का स्‍टैंड, चीन-पाकिस्‍तान-रूस की तिगड़ी ने पेश की बड़ी चुनौती
तालिबान शासन को लेकर क्‍या है भारत का स्‍टैंड, चीन-पाकिस्‍तान-रूस की तिगड़ी ने पेश की बड़ी चुनौती।

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान में तालिबान के प्रभुत्‍व के साथ यह सवाल उठने लगे हैं कि भारत की क्‍या रणनीति होनी चाहिए। तालिबान के साथ भारत का रुख कैसा रहेगा। अफगानिस्‍तान में भारत के समक्ष क्‍या बड़ी चुनौती हैं। अफगानिस्‍तान को लेकर पाकिस्‍तान, चीन और रूस की रणनीति से भारत की चिंता क्‍यों बढ़ गई है। अफगानिस्‍तान में किस तरह के समीकरण बन रहे हैं। इस नए समीकरण में भारत के समक्ष किस तरह की नई चुनौती खड़ी होगी। आखिर इस सब मुद्दों पर क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ।

loksabha election banner

भारतीय विदेश नीति के समक्ष बड़ी चुनौती

  • प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि फ‍िलहाल तालिबान को लेकर भारत ने जो रुख अपनाया है, वह बिल्‍कुल सही है। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में हालात तेजी से बदल रहे हैं। पानी के स्थिर होने तक भारत को सब्र के साथ ही काम लेना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि फ‍िलहाल अफगानिस्‍तान के पूरे घटनाक्रम पर भारत की पैनी नजर होगी। पंत ने जोर देकर कहा कि तालिबान अब 1990 के दशक का तालिबान नहीं रहा। अफगानिस्‍तान में तालिबान की दूसरी पारी का स्‍वरूप बदला हुआ है। रूस, पाकिस्‍तान और चीन ने तालिबान के साथ जो रुख अपनाया है, उससे उसका वैश्‍वीकरण हो गया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ तीनों मुल्‍क तालिबान के साथ दिख रहे हैं। अमेरिकी विरोध के चलते तीनों देश तालिबान के करीब आए हैं। यह स्थिति भारत के लिए कतई शुभ नहीं है। हालांकि पंत का मानना है कि भविष्‍य में भारत रूस के जरिए अफगानिस्‍तान में अपने हितों को साध सकता है।
  • उन्‍होंने कहा कि पूर्व का तालिबान पूरी तरह से पाकिस्‍तान के नियंत्रण में रहा है, लेकिन इस बार उसके रुख में बहुत बदलाव आया है। सत्‍ता हासिल करने के पहले तालिबान यह कह चुका है कि उसके जमीन का इस्‍तेमाल किसी अन्‍य देश के खिलाफ नहीं किया जा सकता है। उसने यह साफ कर दिया कि अफगानिस्‍तान की जमीनसे किसी आतंकवादी संगठन का संचालन नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि तालिबान की कथनी और करनी में कितना फर्क है। अगर अफगानिस्‍तान अपने स्‍टैंड पर कायम रहता है तो भारत के लिए यह शुभ रहेगा।
  • उन्‍होंने कहा कि तालिबान के पिछले शासनकाल में उसको मान्यता नहीं मिली थी, लेकिन इस बार तस्‍वीर इसके उलट है। इस बार दुनिया के के दो ताकतवर देश जैसे रूस और चीन उसे मान्यता दे रहे हैं। यूरोप के देश भी ऐसा ही कर सकते हैं। ऐसे में इस बार अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को देखते हुए भारत के लिए तालिबान के साथ रिश्‍तों का संचालन कैसे होगा यह दिलचस्‍प है।
  • उन्‍होंने कहा कि चीन और पाकिस्‍तान से भारत के संबंधों के परिपेक्ष में अगर अफगानिस्‍तान के घटनाक्रम को देखा जाए तो स्थिति चिंताजनक है। नए समीकरण में पाकिस्‍तान, चीन और रूस के साथ अफगानिस्‍तान में एक नया ध्रुव स्‍थापित हो रहा है। इसमें ईरान और मध्‍य एशिया के कई देश भी शामिल हो सकते हैं। पंत ने कहा कि तालिबान लाख कहे लेकिन चीन और पाकिस्‍तान भारत के खिलाफ इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करते रहेंगे।

उदारवादी चेहरा दिखाने की कोशिश

प्रो पंत ने कहा कि अफगानिस्‍तान में सत्‍ता हासिल करने के पूर्व अपना उदारवादी चेहरे दिखाने की भी कोशिश की है। इसके बावजूद अफगानिस्‍तान के विभिन्‍न प्रांतों में तालिबान की ज्‍यादती बढ़ रही है। तालिबान कह चुका है कि वह पूर्व की सत्‍ता में शामिल लोगों के साथ बदले की भावना से काम नहीं करेगा, लेकिन उसके लड़ाके घरों की तलाशी लेकर पूर्व की सरकार में काम करने वाले अफसरों एवं राजनेताओं को ढूंढ रहे हैं। इस क्रम में तालिबान से लोहा लेने वाली बल्‍ख प्रांत की गवर्नर सलीमा मजारी को भी गिरफ्तार किया है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान लड़ाके लोगों को एयरपोर्ट पर नहीं जाने दे रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.