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मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल

मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी हैं। मतदान शुरू होने के कुछ ही घंटे पहले विपक्ष के प्रचार मुख्यालय पर पुलिस ने छापा मारा था।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 12:27 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:27 PM (IST)
मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल
मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल

कोलंबो (एएनआइ)। हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय देश मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी हैं। मतदान शुरू होने के कुछ ही घंटे पहले विपक्ष के प्रचार मुख्यालय पर पुलिस ने छापा मारा था, जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। विपक्ष के प्रचार मुख्यालय पर पुलिस ने छापा मारा था। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ विपक्षी पार्टियां भी मतदान के निष्पक्ष नहीं होने की आशंका जता चुकी हैं। कुछ अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सुबह से ही सैकड़ों पुरुष और महिलाएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए राजधानी माले में मतदान केंद्रों पर कतारों में खड़े दिखाई पड़े।

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मालदीव में मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ। चुनाव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुकाबला है। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों एवं विपक्ष को आशंका है कि चीन के वफादार माने जाने वाले ताकतवर नेता अब्दुल्ला यामीन को सत्ता में बरकरार रखने के लिए चुनावों में गड़बड़ी की जाएगी। यामीन ने अपने सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों को या तो जेल में डाल दिया है या देश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।

अब्दुल्ला यामीन दोबारा बन सकते हैं मालदीव के राष्ट्रपति

दूसरे कार्यकाल की तैयारी में जुटे राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के लिए यह चुनाव जीतना मुश्किल नहीं लग रहा क्योंकि उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी या तो जेल में हैं या देश से बाहर निर्वासित जीवन जी रहे हैं। चीन की मदद से यामीन की देश पर पकड़ काफी मजबूत हो गई है। करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाले मालदीव के विपक्षी दलों ने यामीन के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार के रूप में इब्राहिम मुहम्मद सोलिह को उतारा है।

59 वर्षीय यामीन 2013 से सत्ता पर काबिज हैं। सत्ता में आने के बाद उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मुहम्मद नशीद पर न्यायपालिका के काम में दखल देने और आतंकवाद के आरोप लगाए। इसमें उन्हें 13 साल की सजा हुई। इलाज के बहाने वह लंदन चले गए थे। फिलहाल वह श्रीलंका में निर्वासित जीवन जी रहे हैं।


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