वियतनाम ने बच्चों का टीकाकरण शुरू किया, स्कूलों को फिर से खोलने की दिशा में उठाया कदम
टीकाकरण लान्च से पहले मंगलवार को एक बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री गुयेन थान लान्ग ने कहा बच्चों के लिए टीकाकरण सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। रिपोर्ट के अनुसार बच्चों को उनके स्कूलों में और जो स्कूल नहीं जाते हैं उन्हें बाल चिकित्सा अस्पतालों में टीका लगाया जाएगा
हनोई, एपी। दुनिया में कोरोना वायरस को आए हुए दो साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी भी इस बीमारी से जमाना प्रभावित हो रहा है। उसमें सबसे बड़ा स्कूलों का न खुलना, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ रहा है। इस बीच वियतनाम ने बुधवार को COVID-19 के कारण बंद होने के आधे साल से अधिक समय के बाद स्कूलों को फिर से खोलने के प्रयास के तहत बच्चों का टीकाकरण शुरू किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि नवंबर में देश भर में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने से पहले दक्षिणी वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी में 16 से 17 साल के लगभग 1,500 किशोर सबसे पहले डोज प्राप्त करने वालों में से थे। पहले चरण के दौरान, वियतनाम ने केवल बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि माता-पिता या अभिभावकों को अपने बच्चों के टीकाकरण के लिए एक सहमति फार्म पर हस्ताक्षर करना होगा।
टीकाकरण लान्च से पहले मंगलवार को एक बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री गुयेन थान लान्ग ने कहा, 'बच्चों के लिए टीकाकरण सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।' पिछले हफ्ते, मंत्रालय ने 12 से 17 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी, अधिक आबादी वाले शहरों में बड़े किशोरों को पहली खुराक के लिए प्राथमिकता मिली। उस आयु सीमा में लगभग 14 मिलियन वियतनामी बच्चे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों को उनके स्कूलों में और जो स्कूल नहीं जाते हैं उन्हें बाल चिकित्सा अस्पतालों में टीका लगाया जाएगा। वियतनाम के 98 मिलियन लोगों में से लगभग 55% लोगों को COVID-19 वैक्सीन डोज मिले हैं, लेकिन उनमें से केवल आधे को ही दोनों खुराकें दी गईं हैं।
वियतनाम ने मई में स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया था, जब डेल्टा संस्करण से पूरे देश में फैल गया था। स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन सरकार 2022 की शुरुआत का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि उपरिकेंद्र के रूप में हो ची मिन्ह सिटी के साथ दक्षिणी प्रांत वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था। लगभग 800,000 लोग संक्रमित हुए और चार महीने से भी कम समय में 20,000 लोगों की मौत हो गई।