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VIDEO: देखें कैसे पहियों पर तीन किलोमीटर दूर शिफ्ट की गई 609 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद

VIDEO तुर्की में एक प्राचीन एतिहासिक मस्जिद को बचाने के लिए उसे 300 पहियों की गाड़ी पर तीन किलोमीटर दूर शिफ्ट किया गया।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 01:32 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 08:24 AM (IST)
VIDEO: देखें कैसे पहियों पर तीन किलोमीटर दूर शिफ्ट की गई 609 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद
VIDEO: देखें कैसे पहियों पर तीन किलोमीटर दूर शिफ्ट की गई 609 साल पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद

तुर्की, स्पेशल डेस्क। जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है वैसे-वैसे हम अपनी पुरातन चीजों को बचाने और सहेजने में भी सफल हो रहे हैं। हाल ही में ऐसा एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है। तुर्की के एक राज्य में 609 साल पुरानी मस्जिद को पहियों पर ले जाकर दूसरी जगह स्थापित करने में सफलता हासिल की। जिस जगह पर अभी तक मस्जिद थी वहां पर अब एक डैम बनाना तय किया गया है जिसके कारण इस मस्जिद को शिफ्ट किया गया।

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मस्जिद को जिस तरीके से शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया वो अन्य लोगों के लिए जागरुकता का विषय था। इस मस्जिद को कुछ दूरी तक नहीं शिफ्ट किया गया बल्कि टनों वजनी मस्जिद के हिस्सों को 300 पहियों वाली गाड़ी पर शिफ्ट किया गया। इसको शिफ्ट करने के लिए खास तरह से तैयारी की गई उसके बाद उसे नई जगह पर पहुंचाया जा सका।

बांध के निर्माण में बन रही थी बाधा 

प्रशासन बांध इलीसु का निर्माण करना चाह रहा है। इस मस्जिद के निर्माण के रास्ते में 610 साल पुरानी ये मस्जिद आ रही है जिसे धरोहर की तरह अब तक सुरक्षित रखा गया था। खबर के अनुसार, बांध निर्माण के साथ प्रशासन की प्राथमिकता इयुबी मस्जिद को बचाने की भी थी। यह मस्जिद हसनकैफ में स्थित है। बता दें, साल 2017 में ही इस मस्जिद के लिए नई सुरक्षित जगह बनाई गई, जहां अब इसे 3 हिस्सों में पहुंचा दिया गया है। वहीं, इसका गुंबद आकार का Zeynel Bey Shrine नाम का हिस्सा पहले ही नई जगह पहुंचा दिया गया था।

तीन भागों में बांटकर शिफ्ट की गई मस्जिद 

प्रशासन ने इस मस्जिद को वहां से हटाने के लिए पहले सभी विकल्पों पर विचार किया, उसके बाद इस बात पर सहमति बनी कि पहले इसे अलग-अलग किया जाए उसके बाद इसे दूसरी जगह पर स्थापित कर दिया जाए। इसी पर सहमति बनी उसके बाद इसके लिए काम किया गया। उसके बाद कुशल श्रमिकों की मदद से सालों से सुरक्षित रखी गई धरोहर की दीवार को तोड़ा गया। जमीन के निचले हिस्से से इसे अलग किया गया और 2500 टन की इस मस्जिद को तीन भाग में रोबोट ट्रांसपॉर्ट के जरिए पहियों पर तीन किलोमीटर दूरी पर फिर से स्थापित किया गया। 15वीं शताब्दी की इस मस्जिद के सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन टुकड़े हुए, जिनमें से दो को पहले ही शिफ्ट किया जा चुका है, इनका वजन करीब 4,600 टन था।

बांध की वजह से डूब सकती थी प्राचीन मस्जिद 

बांध निर्माण के कारण मस्जिद के डूबने की संभावना थी और सालों से सुरक्षित धरोहर के तौर पर इसकी देखभाल हो रही थी। सरकार और प्रशासन ने विकास कार्य के साथ ही मस्जिद को भी सुरक्षित बचाने का रास्ता खोज निकाला। बांध निर्माण योजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पानी के शक्तिशाली बहाव के कारण ऐतिहासिक हसनकैफ शहर का कुछ हिस्सा जल्द ही जलमग्न हो जाएगा, लेकिन ऐतिहासिक इमारतों वाले पार्क में मस्जिद शिफ्ट करने में वो सफल रहे।

कैसे शिफ्ट की गई मस्जिद 

610 साल पुरानी हसनकेफ शहर में मौजूद एक ईयूबी मस्जिद (Eyyubi Mosque)को गाड़ी के जरिए एक जगह से दूसरी जगह न्यू कल्चर पार्क फील्ड में ले जाया गया। मस्जिद का वजन करीब 2,500 टन (करीब 23 लाख किलो) था, अब समस्या ये थी कि इतनी भारी मस्जिद को दूसरी जगह तक कैसे ले जाया जाए, उसके बाद इसके लिए 300 पहिए वाली एक रोबोट गाड़ी का इंतजाम किया गया। इस मस्जिद के अवाला इस जगह पर ईसाईयों और मुस्लिमों के प्रार्थना स्थल के अवशेषों वाली करीब 6,000 गुफाएं भी मौजूद हैं।  


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