गरीब देशों में वैक्सीन की उपलब्धता केवल 0.2 फीसद, अमीर देशों में 80 फीसद से अधिक!
एक तरफ जहां कोरोना का कहर पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ इसकी रोकथाम को विकसित की गई वैक्सीन पर अमीर देशों का एकाधिकार दिखाई दे रहा है। इसकी उपलब्धता भी इन्हीं देशों में अधिक है।
जिनेवा (संयुक्त राष्ट्र)। एक तरफ जहां कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के आने से पूरी दुनिया परेशान है वहीं वैक्सीन की उपलब्धता और इसके वितरण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन काफी चिंतित है। संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस घेबरेयसस ने जो आंकड़े पूरी दुनिया के सामने रखे हैं वो वास्तव में हर किसी की चिंता को बढ़ा सकते हैं। उनके मुताबिक दुनिया के कई देशों में कोविड-19 की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। उनके मुताबिक पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वैक्सीन की लगभग 83.20 करोड़ खुराक लोगों को विभिन्न देशों में दी जा चुकी हैं। संगठन के मुताबिक इनमें से करीब 82 फीसद वैक्सीन उच्च और ऊपरी-मध्य आय वाले देशों को उपलब्ध करवाई गई है। वहीं केवल 0.2 फीसद वैक्सीन की खुराक ही निम्न आय वाले देशों में उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने वैक्सीन के इस तरह से होने वाले आवंटन पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि उच्च आय वाले देशों में हर चार में से एक व्यक्ति को वैक्सीन मिल चुकी है वहीं गरीब देशों में 500 में से एक ही व्यक्ति को वैक्सीन हासिल हुई है। उनकी निगाह में ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में कोरोना महामारी तेजी से बढ़ रही है। पूरी दुनिया में इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों की लापरवाही, सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपायों में ढिलाई आदि कारणों से ऐसा हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस महामारी को रोकने के उपाय हैं, लेकिन एकजुटता की वजह से हम पिछड़ रहे हैं। इसलिए ये समय साझेदारी को बढ़ाने का है। अतीत की गलतियों से सबक लेते हुए हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं।
यूएन न्यूज के मुताबिक संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने ये भी बताया कि शुक्रवार 16 अप्रैल 2021 को कोवैक्स योजना के तहत 100 देशों को, 4 करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करवाई गई हैं, लेकिन ये वहां के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संगठन ने अब तक 10 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया था। कुछ देश ऐसे हैं जहां अब भी वैक्सीन की कोई खुराक नहीं मिली है। इतना ही नहीं ऐसा कोई देश नहीं है जहां इसकी समुचित मात्रा उपलब्ध करवाई गई हो। उनके मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन अपने साथी गावी के साथ मिलकर वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए कोवैक्स उत्पादन कार्यबल भी गठित किया गया है। इसके उत्पादन को देखते हुए अफ्रीका में भी इसके लिए साझेदारी तैयार की जाएगी।
आपको बता दें कि संगठन का मकसद पूरे क्षेत्र में पांच वैक्सीन उत्पादन केंद्र स्थापित करना है। ये रवांडा, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका में बनाए जाएंगे। उन्होंने पूरी दुनिया खासकर अमीर देशों से अपील की है कि वो अपने यहां पर मौजूद वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक को कोवैक्स योजना के लिए दान में दें जिससे ये वैक्सीन उन लोगों को पहुंचाई जा सके, जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है और जहां तक अब तक ये नहीं पहुंची है।