पश्चिम एशिया में युद्धपोत और बमवर्षक तैनात कर रहा अमेरिका
ट्रंप प्रशासन मध्य पूर्व में हवाई और समुद्री स्ट्राइक बलों की तैनाती कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ये ईरान के लिए स्पष्ट और अचूक संदेश है।
वाशिंगटन, प्रेट्र/रायटर। एक साल पहले परमाणु करार टूटने के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका अब पश्चिम एशिया में विमानवाहक युद्धपोत और बमवर्षक विमान तैनात कर रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने ईरान को चेतावनी भी दी कि अगर अमेरिकी हितों या उसके सहयोगी देशों के खिलाफ कोई हमला हुआ तो उसे भारी बल प्रयोग का सामना करना पड़ेगा। बोल्टन ने रविवार को कहा, 'ईरान को कई बार चेतावनी देने के बाद हमने विमानवाहक पोत यूएसएस अब्राहम लिंकन और बमवर्षक टॉस्क फोर्स को पश्चिम एशिया में तैनात करने का निर्णय लिया है। अमेरिका ईरानी शासन के साथ कोई युद्ध नहीं करना चाहता, लेकिन हम ईरानी बलों के किसी भी तरह के हमले या छद्म युद्ध का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।'
ट्रंप ने ईरान पर थोपे हैं कई प्रतिबंध
ट्रंप ने पिछले साल आठ मई को ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था। इसके बाद उसके तेल निर्यात को रोकने के साथ ही उस पर कई प्रतिबंध लगा दिए। ट्रंप ने ईरान पर यह कार्रवाई उसके परमाणु कार्यक्रम और आतंकी गतिविधियों को लेकर की थी।
ईरानी सैन्य बल को घोषित किया आतंकी संगठन
अमेरिका ने पिछले महीने ईरान के विशिष्ट बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। इसके जवाब में ईरान ने भी अमेरिकी सेना को इसी तरह का दर्जा दिया था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप