अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो बोले, दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी खत्म करें आसियान देश
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि चीन क्षेत्रीय अखंडता के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है।
हनोई (वियतनाम), एपी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने आसियान देशों से चीन के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि समूह के सभी सदस्य देश दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की दादागिरी के खिलाफ कार्रवाई करें और अगर जरूरत पड़ती है तो अमेरिका उनके इस काम में अपना पूरा समर्थन देगा। पोंपियो ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से बात की। संगठन के चार सदस्य देश-फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के साथ लंबे समय से इस व्यस्ततम जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हैं जिसके समूचे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है।
कोरल रीफ के ऊपर बने द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित कर रहा चीन
भले ही अमेरिका दक्षिण चीन सागर पर कोई दावा नहीं करता है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है। इस सैन्य निर्माण में हवाई क्षेत्र बनाना और कोरल रीफ के ऊपर बनाए गए द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित करना शामिल है, जिसके बाद इसे लेकर भय उत्पन्न हो गया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर सकता है।
पोंपियो ने कहा, इस काम में वाशिंगटन हरसंभव मदद करेगा
10 देशों वाले इस संगठन के शीर्ष राजनयिकों से पोंपियो ने कहा, 'मेरे विचार में आगे बढ़ते रहिये। सिर्फ बातें मत करिये बल्कि काम करिये।' विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया। पोंपियो ने कहा, 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को हम पर और हमारे लोगों पर भारी नहीं पड़ने दें। आपमें आत्मविश्वास होना चाहिए और अमेरिका आपकी दोस्त की तरह मदद करने के लिए यहां है।'
लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है चीन
उन्होंने कहा कि चीन आसियान चार्टर में निहित संप्रभुता, गुणवत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है। उन्होंने उन चीनी कंपनियों को अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने का जिक्र किया जिन्होंने विवादित जलक्षेत्र में द्वीपों के निर्माण का काम किया है। अमेरिका ने नौवहन और विमानों से गश्त की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए युद्धपोतों एवं लड़ाकू विमानों की तैनाती की है।
उधर, पोंपियो के बयान पर चीन या उसके विदेश मंत्री वांग यी ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। चीन भी आसियान की बैठक में भाग ले रहा है और बुधवार को उसने समूह के मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात की। इस दौरान चीन ने एक बार फिर कहा कि उसे देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। उसने अमेरिका पर क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया।