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उत्तर कोरिया बोला- अमेरिका के साथ वार्ता की अभी कोई योजना नहीं, पहले बंद हों शत्रुतापूर्ण नीतियां

उत्तर कोरिया ने शनिवार को दोहराया कि उसकी अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता शुरू करने की अभी कोई योजना नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 04:37 PM (IST)
उत्तर कोरिया बोला- अमेरिका के साथ वार्ता की अभी कोई योजना नहीं, पहले बंद हों शत्रुतापूर्ण नीतियां
उत्तर कोरिया बोला- अमेरिका के साथ वार्ता की अभी कोई योजना नहीं, पहले बंद हों शत्रुतापूर्ण नीतियां

सियोल, एपी। अमेरिका के लिए पिछले काफी समय से उत्‍तर कोरिया सिरदर्द बना हुआ है। राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के लाख समझाने के बावजूद किम जोंग-उन परमाणु मिसाइल परीक्षण किए जा रहे हैं। इस बीच उत्तर कोरिया ने शनिवार को दोहराया कि उसकी अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता शुरू करने की अभी कोई योजना नहीं है। उसने कहा कि इसे तब तक शुरू नहीं किया जा सकता जब तक वाशिंगटन उसके प्रति शत्रुतापूर्ण नीतियों को नहीं छोड़ देता है।

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उत्तर कोरिया की प्रथम उप-विदेश मंत्री चोइ सुन हुई का यह बयान तब आया है, जब कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पत्रकारों से कहा था कि ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ एक अन्य शिखर सम्मेलन करना चाहते हैं। उत्‍तर कोरिया के बयान से ट्रंप प्रशासन को जरूर झटका लगेगा।

चोइ के बयान से पहले भी उत्तर कोरिया कई बार कह चुका है कि वह ट्रंप को तब तक उनकी विदेश नीति की उपलब्धियों का बखान करने के लिए उच्चस्तरीय बैठकों का कोई और तोहफा नहीं देगा, जब तक उसे बदले में कुछ ठोस नहीं मिलता है। उन्होंने कहा, 'क्या यह संभव है कि अमेरिका के साथ कोई वार्ता या बैठक की जाए जो पूर्व में शिखर वार्ता में हुए समझौतों की परवाह न करते हुए उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति अपनाए हुए है?'

चोइ ने कहा, 'हमें अमेरिका के साथ आमने-सामने बैठक करने की कोई आवश्यकता नहीं लगती, क्योंकि वह उत्तर कोरिया-अमेरिका वार्ता को अपने राजनीतिक संकट से निपटने के लिए एक हथकंडे के अलावा और कुछ नहीं समझता है। ट्रंप और किम पूर्व में तीन बार मिल चुके हैं।

गौरतलब है कि डोनाल्‍ड ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच शांति स्‍थापित करने को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन इनमें कोई हल निकलता नहीं नजर आया है। अमेरिका के द्वारा उत्‍तर कोरिया पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद वह मानने को तैयार नहीं है।


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