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प्‍योंगयांग के बढ़ते तनाव के खत्‍म करने में नाकाम रहा सियोल का एकीकरण मंत्रालय, मंत्री ने दिया इस्‍तीफा

उक्‍त मंत्रालय की भूमिका अंतर कोरियाई संवादों को बढ़ावा देने के साथ एक दूसरे से आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 09:57 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 11:17 AM (IST)
प्‍योंगयांग के बढ़ते तनाव के खत्‍म करने में नाकाम रहा सियोल का एकीकरण मंत्रालय, मंत्री ने दिया इस्‍तीफा
प्‍योंगयांग के बढ़ते तनाव के खत्‍म करने में नाकाम रहा सियोल का एकीकरण मंत्रालय, मंत्री ने दिया इस्‍तीफा

सियोल, एजेंसी। उत्‍तर कोरिया के साथ बढ़ते तनाव के बीच दक्षिण कोरिया के दोनों देशों के एकीकरण मंत्री ने अपना त्‍यागपत्र दे दिया है। दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून-जेइन ने शुक्रवार को उनके इस्‍तीफे को स्‍वीकार कर लिया। पिछले साल अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उत्‍तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की शिखर वार्ता के बाद दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति ने किम येओन चुल को एकीकरण मंत्री के रूप में नियुक्‍त किया था। बता दें कि एकीकरण मंत्रालय दक्षिण कोरियाई सरकार का एक कार्यकारी विभाग है। इसका मकसद कोरियाई पुन‍िर्मिलन को बढ़ावा देना है। उक्‍त मंत्रालय की भूमिका अंतर कोरियाई संवादों को बढ़ावा देने के साथ एक दूसरे से आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है। था 

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प्‍योंगयांग ने अंतर-कोरियाई संयुक्त संपर्क कार्यालय को विस्फोट से उड़ाया 

बता दें कि उत्तर कोरिया ने अपने सीमावर्ती शहर केसोंग में अंतर-कोरियाई संयुक्त संपर्क कार्यालय को विस्फोट से उड़ाने के बाद राष्‍ट्रपति मून एककीरण मंत्रालय से नाखुश थे। उत्तर कोरिया ने दोनों देशों के बीच हुए सुलह संबंधी ऐतिहासिक समझौतों को खत्म करते हुए बुधवार को कहा था कि वह अब बंद हो चुके अंतर-कोरियाई स्थलों पर फिर से अपने सैनिकों को तैनात करेगा।साल 2018 में बातचीत के बाद दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए यह कार्यालय स्थापित किया गया था। हाल में जिस तरह से दक्षिण कोरिया और उत्‍तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ा है, उसे किम येओन-चुल की असफलता के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव के कारण कोरियाई प्रायद्वीप में काफी अशांति है।

सीमा पर उड़ते गुब्बाराोंं पर गरमाई राजनीति 

बता दें कि 7 जून से लेकर अब तक उत्तर कोरिया में करीब 5 लाख गुब्‍बारे छोड़े जा चुके हैं। इन गुब्‍बारों में उत्‍तर कोरिया विरोधी नारे लिखे होते हैं। इसमें किम जोंग उन की ओर से दी जाने वाली परमाणु हमले की आलोचना करने वाले पर्चे होते हैं। इसके अलावा, इनमें उत्तर कोरिया में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर सवाल उठाए जाते हैं। उत्तर कोरिया ने इस पर कई बार आपत्ति जताई है। वहीं, दक्षिण कोरिया का दावा है कि वह पर्चे भेजने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है।

सभी तरह का संपर्क खत्‍म करने का ऐलान

पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। उत्तर कोरिया ने गत दिनों दक्षिण कोरिया से सभी तरह का संपर्क खत्‍म करने का ऐलान किया था। उत्तर कोरिया ने कहा था कि हम दक्षिण कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी संचार लाइनें बंद कर रहे हैं। उत्‍तर कोरिया ने कहा था कि सियोल अब हमारा दुश्मन देश है। दक्षिण कोरिया हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने वालों को नहीं रोक पाया।

दक्षिण कोरिया पर सैन्य कार्रवाई की धमकी

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है। किम यो ने दक्षिण कोरिया से सटी सीमा से सरकार विरोधी पर्चे भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारी ये पर्चे गुब्‍बारों में भरकर भेज रहे हैं। किम यो ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया अपने प्रदर्शनकारियों को ऐसा करने से नहीं रोकता है तो मेरी सेना कार्रवाई करेगी। किम यो ने कहा कि मैंने सु्प्रीम लीडर, मेरी पार्टी और सरकार से मुझे मिले अधिकारों का इस्तेमाल किया है और सेना को कार्रवाई करने को कहा है। अब अगली कार्रवाई पर फैसला सेना प्रमुख लेंगे। यह दक्षिण कोरिया को काफी महंगा पड़ेगा।


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