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बांग्लादेश और नेपाल को विकासशील देशों में शामिल करने का प्रस्ताव पारित, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया स्‍वीकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बांग्लादेश नेपाल व लाओस को न्यूनतम विकसित देश की श्रेणी से विकासशील देशों की सूची में शामिल करने संबंधी एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। UNGA ने अपने 76वें सत्र में इस प्रस्ताव को स्वीकार किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 08:06 PM (IST)
बांग्लादेश और नेपाल को विकासशील देशों में शामिल करने का प्रस्ताव पारित, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया स्‍वीकार
UNGA ने बांग्लादेश, नेपाल व लाओस को विकासशील देशों की सूची में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

ढाका, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly, UNGA) ने बांग्लादेश, नेपाल व लाओस को न्यूनतम विकसित देश (least developed country, LDC) की श्रेणी से विकासशील देशों की सूची में शामिल करने संबंधी एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। यह तीनों देशों की प्रगति को प्रदर्शित करने वाली अहम उपलब्धि है। यूएनजीए ने अपने 76वें सत्र में इस प्रस्ताव को स्वीकार किया।

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तैयारियों के लिए पांच साल दिया

संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इन देशों को विभिन्न मोर्चो पर तैयारियों के लिए पांच साल (मानक अवधि तीन वर्ष ही है) का समय दिया गया है। वर्ष 2026 में ये विकासशील देशों में शामिल हो जाएंगे। कोविड-19 के हालात से पैदा होने वाले आर्थिक और सामाजिक झटकों के बावजूद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपायों, नीतियों व रणनीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने के बीच यह दर्जा बढ़ाया गया है।

यूएनजीए ने प्रस्ताव पारित किया

यूएन में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि रबाब फातिमा ने ट्वीट किया, 'यूएनजीए ने बांग्लादेश को एलडीसी श्रेणी से निकालने के लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है। हमारी स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ और बंगबंधु की जन्मशती मनाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है।'

गरीबी दर में गिरावट आई

बीडी न्यूज-24 डाट काम ने फातिमा के हवाले से कहा, 'प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्ष 2021 तक बांग्लादेश को मध्यम आय वाला देश और वर्ष 2041 तक विकसित देश में तब्दील करने की कल्पना की है।' यूएन ने वर्ष 1975 में जब बांग्लादेश को एलडीए समूह में शामिल किया था तो देश की गरीबी दर 83 प्रतिशत थी। पिछले कुछ वर्षों में गरीबी दर में गिरावट आई है। कोविड-19 महामारी से पहले वर्ष 2019-20 में यह दर 20.5 प्रतिशत थी।

नेपाल ने दूसरी बार पूरी की पात्रता

नेपाल ने दूसरी बार विकासशील देश के दर्जे के लिए प्रति व्यक्ति आय, मानव संपत्ति सूचकांक (एचएआइ) व आर्थिक तथा पर्यावरणीय जोखिम सूचकांक (ईवीआई) संबंधी सभी तीन पात्रता मानदंडों को पूरा किया है। एलडीसी श्रेणी में नेपाल वर्ष 1971 में शामिल किया गया था। इस श्रेणी में ऐसे देश होते हैं जो सतत विकास प्राप्त करने के लिए गंभीर संरचनात्मक बाधाओं से जूझ रहे हैं। 


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