संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दुनिया से किया आह्वान, प्रकृति के खिलाफ युद्ध को रोका जाए
एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि जंगलों की आग से लेकर भीषण बाढ़ की स्थिति तक सभी कारण मानवजनित हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए पेरिस समझौते में प्रावधान किया गया है।
मैड्रिड, रायटर। प्रकृति के खिलाफ छिड़ा युद्ध बंद होना चाहिए और पर्यावरण में हो रहे बदलावों को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। यह बात संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने रविवार को पर्यावरण पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से पूर्व कही है। सम्मेलन दो दिसंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा।
गुतेरस ने कहा, जंगलों की आग से लेकर भीषण बाढ़ की स्थिति तक सभी कारण मानवजनित हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए पेरिस समझौते में प्रावधान किया गया है। इससे धरती के बढ़ते तापमान को कम करने में मदद मिलती। इसलिए प्रकृति के खिलाफ युद्ध को निश्चित रूप से रोका जाना चाहिए। जमीन की गहरी खुदाई और जमीन के भीतर की चट्टानों को तोड़ने के सिलसिले में कम कर हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ को रोकने की शुरुआत कर सकते हैं।
प्रकृति को हो रहा दोहरा नुकसान
प्राकृतिक संसाधनों को बरकरार रखते हुए वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों के इस्तेमाल से हम प्रकृति को लाभ पहुंचा सकते हैं, जिसका अंतत: फायदा समूची मानव जाति को होगा। कोयले के ईंधन के रूप में इस्तेमाल को रोककर ऑक्सीजन और अन्य लाभदायक गैसों के नुकसान को बचाया जा सकता है। ईंधन के रूप में लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल प्रकृति को दोहरा नुकसान पहुंचाने वाला है। पेरिस समझौते में ईंधन के रूप में लकड़ी और कोयले के इस्तेमाल को रोकने की वकालत की गई है।
पेरिस समझौते के अनुसार नहीं शुरू किया गया कार्य
गुतेरस ने कहा कि कई देशों ने 2015 में हुए पेरिस समझौते के अनुसार कार्य करना शुरू नहीं किया है। राजनीतिक इच्छाशक्ति का कमजोर होना इसकी मुख्य वजह रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने यह टिप्पणी कर अमेरिका को संदेश देने की कोशिश की, जहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में पेरिस समझौते के प्रावधानों को अमेरिका के लिए नुकसानदायक बताते हुए उससे हटने की घोषणा कर दी थी।
गुतेरस की टिप्पणी को अमेजन के जंगल में इसी वर्ष लगी भयंकर आग को नियंत्रित करने में ब्राजील सरकार की लापरवाही के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है। ये जंगल दुनिया के सबसे बड़े कार्बन डाई ऑक्साइड के अवशोषक माने जाते हैं। गुतेरस ने सम्मेलन में चर्चा के अन्य आवश्यक बिंदुओं पर भी चर्चा की।