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संयुक्त राष्ट्र ने माना कि अल-कायदा के तालिबान से रिश्‍ते, अफगान शांति प्रक्रिया पर अटकी निगाह

संयुक्‍त राष्‍ट्र ने कहा है कि अल कायदा और तालिबान के गहरे रिश्‍ते हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अफगान शांति वार्ता के दौरान तालिबान और अल कायदा नेता अल जवाहिरी के करीब था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 11:54 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 11:54 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने माना कि अल-कायदा के तालिबान से रिश्‍ते, अफगान शांति प्रक्रिया पर अटकी निगाह
अफगानिस्‍तान में शांति प्रक्रिया के बाद तालिबान लड़ाके और विदेशी सैनिक। फाइल, फोटो। स्रोत- दैनिक जागरण

काबूल, अफगानिस्‍तान। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने कहा है कि अल कायदा और तालिबान के गहरे रिश्‍ते हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अल कायदा नेता अल जवाहिरी का तालिबान से घनिष्‍ठ संबंध हैं। हालांकि, अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की यह शर्त थी कि तालिबान का अल कायदा समेत किसी भी आतंकवादी संगठन से कोई रिश्‍ता नहीं होगा। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा अफगान शांति वार्ता के दौरान तालिबान और अल कायदा नेता अल जवाहिरी के करीब था।

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संयुक्‍त राष्‍ट्र के दावों को तालिबान ने किया खारिज

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ वार्ता के दौरान तालिबान ने अल-कायदा के साथ नियमित रूप से परामर्श किया और उन्होंने अनौपचारिक गारंटी की पेशकश की थी। उन्‍होंने कहा कि तालिबान ने अल-कायदा के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों का बरकरार रखा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र का यह बयान ऐसे समय आया है ज‍ब यह दावा किया गया था कि अल कायदा और तालिबान के बीच कोई रिश्‍ते नहीं हैं। तालिबान ने हालांकि इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि कुछ खास खुफिया समूह अफगानिस्तान में शांति को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, शांति प्रक्रिया के दौरान तालिबान ने लगातार अल कायदा समेत आतंकवादी संगठनों से किसी तरह के संबंधों को खारिज किया है। 

अफगान शांति प्रक्रिया पर ईरान के दो चेहरे

इस बीच, अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिध जाल्‍मे खलीलजाद ने कहा कि ईरान अफगान शांति प्रक्रिया के खिलाफ है। यूएस इंस्‍टीट्यूट ऑफ पीस के साथ बातचीत में खलीलजाद ने कहा कि ईरान चाहता है कि अमेरिका अफगान युद्ध में लगा रहे। उन्‍होंने कहा कि ईरान शांति प्रक्रिया का समर्थन नहीं कर रहा है। खलीलजाद  ने टोलो न्‍यूज के हवाले से कहा है कि मुझे लगता है कि ईरान के बारे में बोलना एक मुश्किल और कठिन काम है। उन्‍होंने कहा कि दरअसल ईरान के दो चेहरे हैं है। ईरान का व‍िदेश मंत्रालय अफगान शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है। वह शांति प्रक्रिया परसकारात्‍मक बातें करता है। वहीं, एक अन्‍य ईरान अमेरिका को अफगान युद्ध में उलझाए रखना चाहता है। वह शांति प्रक्रिया का विरोधी है।

भारतीय विदेश मंत्री ने पाक को घेरा

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मौके पर पाकिस्‍तान सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्‍होंने कहा कि भले ही अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि ने अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान के प्रयासों की सराहना की हो, लेकिन तस्‍वीर इसके उटल है। विदेश मंत्री  ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान में आतंकवाद को सार्वजनिक रूप से उनकी अपनी सरकार द्वारा स्वीकार किया जाता है। एशिया सोसाइटी द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद जारी है और पाकिस्तान से आतंकवाद को उनकी सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से स्वीकार किए जाने की नीति के रूप में स्वीकार किया जाता है। वे इसे उचित ठहरा रहे हैं।


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