अमेरिकी विशेषज्ञ इराक में आइएस के क्रूर अपराधों का सबूत इकट्ठा करेंगे
बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र इराक में अपने विशेषज्ञों के भेजेगा और इराकी सरकार और न्यायिक व्यवस्था के साथ सहयोग कर सबूत इकट्ठा करेगा।
बगदाद (आइएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र में कानूनी मामलों के अंडर सेक्रेटरी जनरल माइगल डे सेरपा रविवार को बगदाद पहुंचे। वे इराक में आइएस समूह के द्वारा किये गए अपराधों के सबूत इकट्ठा करने के लिए यूएन की टीम को भेजने पर चर्चा करने गए थे। इराकी विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सेरपा का इराकी विदेश मंत्री इब्राहिम-अल-जाफरी ने स्वागत किया। शिन्हुआ न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, वे दोनों आइएस के खिलाफ लड़ाई में इराक को समर्थन देने के यूएन माध्यमों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करने वाले हैं।
बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र इराक में अपने विशेषज्ञों के भेजेगा और इराकी सरकार और न्यायिक व्यवस्था के साथ सहयोग कर सबूत इकट्ठा करेगा। सेरपा ने कहा कि यूएन इराक के पुनर्स्थापन, स्थायित्व और सुरक्षा के लिए लगातार समर्थन कर रहा है। आपको बता दें कि सितंबर 2017 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने महासचिव जनरल एंटोनियो ग्यूटरस से अनुरोध किया था कि वे आईएस आतंकवादी समूह द्वारा किये गए अपराध पर इराक में मौजूद प्रमाण को इकट्ठा करने के लिए एक जांच दल की स्थापना करे।
इस बीच, इराकी विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि सेरपा और जाफरी ने उन सबूतों को इकट्ठा करने के लिए विशिष्ट तरीके से चर्चा की है जहां आईएस आतंकवादियों ने अपने सबसे जघन्य अपराध किए हैं। संयुक्त राष्ट्र की टीम आइएस पीड़ितों के साथ भी मुलाकात करेगी, विशेषकर यजीदी महिलाओं जिनका आइएस आतंकवादियों द्वारा बलात्कार कर उन्हें बेचने की कोशिश की गई थी। स्रोत ने बताया कि इराकी पक्ष ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का दल उन सभी आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी प्रदान करेगा जिसमें 2014 के नरसंहार के बारे में बताया गया है। उस दौरान आतंकवादियों ने करीब 1,700 निहत्थे सैनिकों को बगदाद के उत्तर में तिरकिट से अपहरण कर लिया था।
जून 2014 में आईएस समूह के नेतृत्व में सशस्त्र सुन्नी विद्रोहियों ने इराकी सुरक्षा बलों पर हमला कर देश के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। उग्रवादी समूह ने उनपर कई अत्याचार किए, जिनमें से बड़े पैमाने पर हत्या, यौन गुलामी और यजीदी अल्पसंख्यकों के खिलाफ अन्य अपराध करने के बाद उन्होंने उत्तरी इराक के सिन्गर और आसपास के गांवों पर कब्जा कर लिया था।