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जानें क्‍यों- अंतराष्‍ट्रीय सुर्खियों में आईं भारतीय सेना की सुमन गवानी, देश का नाम किया रोशन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 की 20 वीं वर्षगांठ को हम महिलाओं शांति और सुरक्षा के लिए चिह्नित करते हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:54 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 10:40 AM (IST)
जानें क्‍यों- अंतराष्‍ट्रीय सुर्खियों में आईं भारतीय सेना की सुमन गवानी, देश का नाम किया रोशन
जानें क्‍यों- अंतराष्‍ट्रीय सुर्खियों में आईं भारतीय सेना की सुमन गवानी, देश का नाम किया रोशन

संयुक्‍त राष्‍ट्र, एजेंसी। संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्‍ट्रीय दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दुनिया में शांति स्‍थापना के लिए महिलाओं को भी आगे आना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी महिलाओं की अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। गुटेरेस ने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 की 20 वीं वर्षगांठ को हम महिलाओं, शांति और सुरक्षा के लिए चिह्नित करते हैं। इस बाबत उन्‍होंने भारतीय सेना की सुमन गवानी और ब्राजीलियाई नौसेना के कार्ला मोंटेइरो डी कास्त्रो अरुजो के नाम का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि दोनों महिलाओं ने अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बड़ा काम किया है।

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सुमन गवानी ने भारत का बढ़ाया नाम 

एंटोनियो गुटेरेस ने कहा  कि इन महिलाओं के अंतराष्‍ट्रीय योगदान से एक बात सिद्ध हो गई है कि महिलाओं को दुनिया में शांति और सुरक्षा के लिए पहल करनी चाहिए। प्रमुख ने कहा कि दोनों महिलाएं दुनिया की आधी आबादी की आइकॉन हो सकती हैं। इसमें एक महिला शांति दूत भारत की हैं। भारतीय सेना की सुमन गवानी संयुक्‍त राष्‍ट्र की शांति दूत की भूमिका का निर्वाह कर रहीं हैं। गवानी की पहली तैनाती सुडान में एक सैन्‍य सैन्‍य पर्यवेक्षक के रूप में हुई। सुमन गवानी और ब्राजीलियाई नौसेना के कार्ला मोंटेइरो डी कास्त्रो अरुजो ने संयुक्‍त रूप से इस वर्ष का जेंडर एडवोकेट पुरस्कार जीता। 

मोंटेइरो डे कास्त्रो अरुजो ने निभाई  भूमिका अग्रणी 

गुटेरेस ने कहा कि मध्य अफ्रीकी गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन (MINUSCA) के सैन्य लिंग और संरक्षण सलाहकार के रूप में मोंटेइरो डे कास्त्रो अरुजो ने अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्‍होंने नागरिकों की रक्षा के साथ यौन हिंसा से संबंधित संघर्षों को रोकेने में अपनी क्षमता को दुनिया के सामने रखा है। गुटेरेस ने कहा कि उन्‍होंने अपनी महिला शांति सैनिकों की जीवन स्थितियों में सुधार करने का प्रयास किया। दक्षिण सूडान में तैनाती के दौरान यौन हिंसा पर 230 से अधिक सैन्य पर्यवेक्षकों का उल्लेख किया और प्रत्येक में महिला सैन्य पर्यवेक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की। उन्होंने दक्षिण सूडानी सरकार की सेनाओं को भी प्रशिक्षित किया और उन्हें संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा पर अपनी कार्ययोजना शुरू करने में मदद की।  

दो महिला शांति सैनिकों ने सराहनीय प्रयास

गुटेरेस ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में दो महिला शांति सैनिकों ने सराहनीय प्रयास किया है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया भर में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए और अपने सहयोगियों को सशक्‍त बनाने के लिए दोनों महिलाओं ने एक प्रेरक के रूप में उल्‍लेखनीय कार्य किया है। इन महिलाओं को योगदान इस बात का प्रमाण है कि पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा के लिए महिला शांति दूत प्रत्‍येक स्‍थानों के लिए उपयोगी है। गुटेरेस ने कहा कि संकल्प 1325 इस मायने में मील का पत्थर था कि महिलाओं को शांति प्रक्रियाओं, संघर्ष समाधान और शांति निर्माण में पूर्ण, समान और सार्थक भागीदारी का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की सफलता में महिला शांति सैनिकों की आवश्यक भूमिका है। उन्‍होंने कहा कि महिलाएं स्थानीय समुदायों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करती हैं। वह संघर्ष और टकराव को रोकती हैं या कम करती हैं। महिलाएं अपने साथियों और अन्य लोगों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम करती हैं।

 

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