अफगानिस्तान में सुप्रीम कोर्ट की दो महिला जजों की गोली मारकर हत्या
हमलावरों का भी अभी कोई पता नहीं चला है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उसके किसी भी हमलावर का इस घटना में हाथ नहीं है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों द्वारा किए जा रहे हमलों की निंदा की है।
काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान में हिंसा के बीच प्रमुख लोगों को निशाना बनाने का क्रम जारी है। ताजा हमले में रविवार को राजधानी काबुल में सुप्रीम कोर्ट की दो महिला जजों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब कतर की राजधानी दोहा में तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांति वार्ता चल रही है। हमले में कार का चालक घायल हो गया। मरने वाली दोनों महिला जजों के नाम नहीं बताए गए हैं। हमलावरों का भी अभी कोई पता नहीं चला है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उसके किसी भी हमलावर का इस घटना में हाथ नहीं है।
पिछले दिनों में कुछ प्रमुख लोगों को मारने की घटनाओं की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों द्वारा किए जा रहे हमलों की निंदा की है।
उन्होंने कहा है कि आतंक और हमले अफगानिस्तान की समस्या का हल नहीं हैं। तालिबान को स्थायी युद्ध विराम के बारे में सोचना चाहिए। यहां सरकारी अफसरों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। अफगानिस्तान में हिंसा के चलते अमेरिका और तालिबान के बीच हुआ समझौता भी जटिल परिस्थितियों में पहुंचता जा रहा है।