ताइवान सेना में पहली बार शादी के बंधन में बंधे समलैंगिक जोड़े, इस देश में समान लिंग विवाह है वैध
वर्ष 2017 में ताइवान की सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों की शादी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके पूर्व ताइवान का मौजूदा कानून केवल पुरुष और महिला की शादी की इजाजत देता था। इस कानून को लेकर शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई।
ताओयुआन, एजेंसी। ताइवान सेना में पहली बार दो समलैंगिक जोड़ों ने शादी रचाई। शुक्रवार को ताइवान की सेना द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम के ऐतिहासिक उत्सव में दो समलैंगिक जोड़े शादी के बंधन में बंध गए। यह कार्यक्रम ताइवान सेना द्वारा आयोजित था। सेना के इस विवाह उत्सव में 188 जोड़ों ने सामूहिक विवाह किया। खास बात यह है कि ताइवान एशिया का एक मात्र ऐसा देश है, जहां समलैंगिक विवाह को मान्यता प्राप्त है। अन्य मुल्कों की तरह यहां समान लिंग विवाह अवैध नहीं है। इस विवाह को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। कानून की दृष्टि में यह वैध है। मई, 2019 में इस बाबत एक कानून पारित किया गया था। इस कानून के बाद 4000 से अधिक जोड़े विवाह के बंधन में बंच चुके हैं।
हमारी सेना बहुत खुले दिमाग वाली
शादी के बंधन में बंधे सेना के लेफ्टिनेंट चेन यिंग-हसन ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारी सेना में एलजीबीटी के लोग बहादुरी से खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सेना बहुत खुले दिमाग वाली है। लेफ्टिनेंट चेन यिंग ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रेम के मामले में हम सभी के साथ समान व्यवहार किया जाएगा। 27 वर्षीय लेफ्टिनेंट चेन यिंग ने 26 वर्षीय ली ली चेन के साथ विवाह किया। उत्तरी शहर ताओयुआन में एक सैन्य अड्डे पर इस जोड़े ने परेड में हिस्सा लिया। इसके बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों एवं परिवार के सदस्यों के साथ रिंग का आदान प्रदान किया। 36 वर्षीय युमी मेंग और उनकी पत्नी मेजर वांग यी ने रिंगों का आदान-प्रदान करते समय भावूक हो गए। उनकी आंखे नम थीं। मेंग ने अपनी शादी की पोशाक के नीचे स्नीकर्स पहने थे, जबकि वांग ने अपने अधिकारी की वर्दी पहनी थी।
तीन वर्ष पूर्व शीर्ष अदालत ने दी थी समलैंगिकों की शादी को मंजूरी
वर्ष 2017 में ताइवान की सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों की शादी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके पूर्व ताइवान का मौजूदा कानून केवल पुरुष और महिला की शादी की इजाजत देता था। इस कानून को लेकर शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई। अदालत में इसकी संवैधानिकता पर सवाल उठाए गए। इस केस पर सुनवाई करते हुए ताइवान के शीर्ष अदालत ने समान लिंग की शादी को वैधानिक माना और उस पर लगी रोक को हटा दिया। इस फैसले के साथ ही ताइवान एशिया में समलैंगिकों को शादी की मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया। देश में एलजीबीटी समुदाय पर कानूनी कार्रवाई के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एक ही लिंग के लोगों की शादी पर मौजूदा प्रतिबंध संविधान के खिलाफ है। वर्ष 2019 में ताईवान संसद ने मतदान के बाद समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी थी।