माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल कंपटीशन के फाइनल में तीन भारतीय टीम
आइटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल कंपटीशन में सैकड़ों टीमों को पछाड़कर फाइनल में पहुंचीं 12 टीमों में से तीन भारत की हैं।
मेलबर्न, प्रेट्र। आइटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल कंपटीशन में सैकड़ों टीमों को पछाड़कर फाइनल में पहुंचीं 12 टीमों में से तीन भारत की हैं। यह गौरवशाली क्षण मंगलवार (भारत में सोमवार) को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नुमायां हुआ। मोस्ट ओरिजनल टेक्नोलॉजी सोल्यूशन पेश करने के लिए एक लाख डॉलर पुरस्कार राशि वाले इस कंपटीशन का फाइनल अमेरिका में होगा।
तीनों भारतीय टीमों ने 17 देशों की सैकड़ों टीमों को पछाड़ते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई है। चैंपियनशिप के लिए एशिया क्षेत्र का फाइनल सिडनी में हुआ था। पुरस्कार राशि के साथ इमैजिन कप नाम की ट्रॉफी भी दी जाएगी। यह कंपटीशन भविष्य की तकनीक संभावनाओं की बानगी प्रस्तुत करने में सहायक साबित हो सकता है। इस कंपटीशन की शुरुआत 20 लाख भागीदारों के साथ हुई है जो आगे बढ़ते हुए अब ग्रैंड फाइनल के करीब है। इसमें शुरुआत में अधिकतम तीन सदस्यों की टीम को अपने प्रोजेक्ट से संबंधित सारी जानकारी, वीडियो इत्यादि दाखिल करना था।
फाइनल में पहुंची पहली भारतीय टीम ने काएली परियोजना की सोच प्रस्तुत की। यह ऑटोमैटेड एंटी पॉल्यूशन एंड ड्रग डिलिवरी मास्क है। यह सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह मास्क प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर जिंदगी जीने का वरदान बन सकता है। दूसरी टीम ने स्पॉट को प्रस्तुत किया। यह पैक्ड फूड की क्वालिटी और उसमें मिले तत्वों को परखने वाली तकनीक है। यह भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
ये पर्यटक पैक्ड फूड पर लिखी भाषा को नहीं समझ पाते हैं और उसके भीतर के खाद्य के बारे में नहीं जान पाते हैं। तीसरी टीम ने प्रकृति या मानव जनित मुश्किलों के समय संपर्क और बचाव के बेहतर साधन के तौर पर उपकरण के बारे में बताया है। तीनों टीमों को 12 फरवरी को सिडनी में 20-20 हजार अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार दिया गया। फाइनल इसी साल मई में अमेरिका में होगा।