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गुफा से बचाए गए तीन बच्चों को थाइलैंड ने दी नागरिकता

नागरिकता ना होने की वजह से ये सभी बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। साथ ही इन्हें उत्तरी चियांग राई इलाके से बाहर जाने की अनुमति भी नहीं थी।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 03:51 PM (IST)
गुफा से बचाए गए तीन बच्चों को थाइलैंड ने दी नागरिकता
गुफा से बचाए गए तीन बच्चों को थाइलैंड ने दी नागरिकता

बैंकॉक, रायटर। पिछले महीने थाइलैंड के चियांग राय प्रांत की थाम लुआंग गुफा से बचाए गए तीन बच्चों और उनके 25 वर्षीय फुटबॉल कोच एकापोल चानथावांग को थाइलैंड की नागरिकता दी गई है। थाइलैंड की सरकार के इस कदम का संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने स्वागत किया है।

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दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाली इस घटना में गुफा में फंसे 12 बच्चों को करीब दो हफ्ते बाद सुरक्षित बचा लिया गया था। यूएनएचसीआर की विशेष सलाहकार कैरल बैचलर ने कहा, 'गुफा में चले राहत और बचाव कार्य के दौरान थाइलैंड में बिना नागरिकता के रह रहे लोगों की तकलीफों की ओर भी दुनिया का ध्यान गया।

थाइलैंड में ही पैदा होने के बावजूद इन लोगों को उचित अवसर और नागरिकता नहीं मिलती। इन तीन बच्चों और उनके कोच के पास भी थाई नागरिकता नहीं थी। थाइलैंड सरकार ने बुधवार को उन्हें नागरिकता देकर जीवन में बेहतर और सुनहरे सपने देखने का मौका दिया है।' इस घटना के बाद सभी 12 बच्चे इस हफ्ते पहली बार स्कूल गए।

‘वाइल्ड बोअर्स' फुटबॉल टीम के कोच एक्कापोल ने बताया कि उन्हें थाईलैंड सरकार की तरफ से आईडी कार्ड मिल गया है। उन्होंने कहा, 'मैं खुश हूं। मैं ये कहना चाहता हूं कि फुटबॉल बच्चों की जिंदगी में तरक्की ला सकता है। अगर भविष्य में बच्चों के पास थाई नागरिकता होगी। ये अगर फुटबॉल ना भी खेलना चाहे तो सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा दे सकते हैं।'

लाखों लोगों के पास नहीं नागरिकता

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि थाईलैंड में करीब चार लाख 80 हजार ऐसे लोग हैं जिनके पास देश की नागरिकता नहीं है। इनमें से कई लोग घुमंतू पर्वतीय आदिवासी और अन्य जातीय समूहों का हिस्सा हैं जो सदियों से माइ साई के आसपास रह रहे हैं। यह जगह थाईलैंड, म्यामां, लाओस और चीन की सीमा से लगे कानून रहित इलाके स्वर्णिम त्रिभुज के बीचोंबीच स्थित है।


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