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सीरिया में सेना की भीषण बमबारी से मची अफरा-तफरी, तुर्की सीमा की तरफ भागे हजारों लोग

सीरियाई सेना की ओर से की गई भीषण बमबारी के बाद विद्रोहियों के दबदबे वाले उत्तर-पश्चिम सीरिया से हजारों की संख्या में लोग तुर्की सीमा की तरफ पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 10:45 AM (IST)
सीरिया में सेना की भीषण बमबारी से मची अफरा-तफरी, तुर्की सीमा की तरफ भागे हजारों लोग
सीरिया में सेना की भीषण बमबारी से मची अफरा-तफरी, तुर्की सीमा की तरफ भागे हजारों लोग

बेरुत, रायटर। रूसी सैन्य बल और सीरियाई सेना की तरफ से उत्तर पश्चिमी सीरिया के दक्षिण इदलिब क्षेत्र में की गई भीषण बमबारी के बाद विद्रोहियों के दबदबे वाले से हजारों की संख्या में लोग तुर्की सीमा की तरफ पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। स्थानीय लोगों एवं संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी के सदस्यों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मारात अल नुमान से बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया। इसके कारण वहां वाहनों की लंबी कतार देखी गई।

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एजेंसी ने कहा कि दक्षिणी इदलिब में 16 दिसंबर के बाद से हवाई हमले और गोलाबारी तेज होने के बाद दक्षिण इदलिब के मारेत अल-नुमान इलाके से हजारों नागरिकों के उत्तरी प्रांत की ओर पलायन करने की खबर है। यूनाइटेड नेशन ऑफिस फॉर कोर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनटेरियन अफेयर्स का यह बयान तब आया है जब सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स ने कहा कि इदलिब में सीरियाई सेना और सशस्त्र समूहों के बीच झड़पों में 80 से अधिक लोग मारे गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि बीते 72 घंटों में हजारों परिवारों के विस्थापित हुए हैं। मारेत अल-नुमान में और उसके आसपास करीब 163,000 लोग हैं तथा हजारों परिवारों के उत्तरी प्रांत की ओर भागने की खबर है। बीते 19 दिसंबर के बाद से मारेत अन-नुमान शहर के लोगों ने मानवीय समुदाय से बात करनी शुरू कर दी है। लोगों का कहना है कि वे सुरक्षित बाहर निकलना चाहते हैं लेकिन भारी बमबारी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

बता दें कि मारात अल नुमान विद्रोहियों का गढ़ माना जाता है। वहां रूसी और तुर्की सेना अकसर एयर स्ट्राइक समेत अन्य हमले करती रहती है। बचाव दल ने बताया कि पिछली रात एयर स्ट्राइक में इलाके के एक गांव के 11 लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के अनुसार, आवासीय इलाकों में हुए हमलों में इस साल अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं।


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