स्वीडन में 16वीं सदी के शाही जूलरी की चोरी, रहस्यमयी तरीके से गायब हुए चोर
स्वीडन के सदियों पुराने चर्च से 1600 ईस्वी के पुराने कीमती शाही जूलरी के चोरी की घटना के बाद हड़कंप मच गया है।
कोपेनहेगन (एजेंसी)। स्वीडन में दिनदहाड़े शाही जूलरी लूटे जाने का मामला सामने आया है। स्वीडन में सदियों पुराने एक चर्च में सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए चोरों ने सन 1600 ई के जमाने के सोने और जवाहरात जड़े जूलरी को दिनदहाड़े लूट लिया और बोट की मदद से वहां से भाग निकले। चोरी की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन उनका कहीं कुछ पता नहीं लगा। स्वीडिश राजधानी स्टॉकहोम से यह जगह करीब 60 किमी दूर है।
दो युवकों ने मंगलवार दोपहर के समय चर्च के दरवाजे को खोलकर शाही जूलरी को चोरी करके तुरंत पास के ही झील तक जाकर नाव की मदद से वहां से फरार हो गए। चुराए गए सामानों में एक सोने का क्राउन है जो 1611 का है जिसे किंग कार्ल 9वें के अंतिम संस्कार के समय बनवाया गया था। इसके अलावा अन्य कई जूलरी जो 1625 के हैं इन्हें क्वीन क्रिस्टीना के अंतिम संस्कार के समय उन्हें पहनाया गया था। बताया जाता है कि, मंगलवार को इन जूलरी को प्रदर्शनी में लगाया गया था, तब विजिटर्स चर्च के अंदर थे। उसी दौरान चोरी की घटना हुई, हालांकि चोरों ने चोरी के अलावा किसी को कुछ नुक्सान नहीं पहुंचाया।
14वीं सदी के बने चर्च के प्रवक्ता ने बताया कि, चोरी के पहले सुरक्षा शीशे को तोड़कर अलार्म को भी बंद कर दिया गया था। चोरी की घटना के बाद पुलिस नाव और हेलीकॉप्टर की मदद से उनकी तलाश में जुट गई लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा।
चर्च के बाहर लंच कर रहे एक शख्स ने बताया कि, उसने दो लोगों को चर्च के बाहर दौड़कर आते हुए और पास में ही लगे एक मोटरबोट की तरफ जाते हुए देखा था। वे दोनों कूद कर बोट में बैठे और वहां से जैसे पलभर में गायब ही हो गए।
बुधवार को गोताखोरों की मदद से भी झील के अंदर जांच करवाई गई लेकिन उन्हें वहां से भी कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने बताया कि चोर वहां से जेट की मदद से भाग गए होंगे। स्वीडिश पुलिस का कहना है कि चुराए हुए गहनों का ऐसा महत्व है कि उसे बेचा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर चोर वित्तीय फायदे के लिए इसे बेचने का भी प्रयास करते हैं तो वे पकड़े जा सकते हैं।
बता दें कि, 13,000 लोगों की आबादी वाला छोटा शहर स्ट्रैंगनैस स्टॉकहोम के पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां स्थित चर्च 1291 से 1340 के बीच बनाया गया था। चोरी की घटना के एक दिन बाद बुधवार को चर्च बंद कर दिया गया है औऱ वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।