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पैसों के लिए मोहताज अफगानिस्तान के लोग अपनी संतान बेचने तक को मजबूर, बढ़ती जा रही है बेसहारा लोगों की संख्या

रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में लाखों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। पांच साल से कम उम्र के 32 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। अफगानिस्तान के व‌र्ल्ड विजन के राष्ट्रीय निदेशक असुंथ चा‌र्ल्स ने बताया कि वह हेरात के पास विस्थापित लोगों के लिए स्वास्थ्य क्लीनिक चलाते हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 08:34 PM (IST)
पैसों के लिए मोहताज अफगानिस्तान के लोग अपनी संतान बेचने तक को मजबूर, बढ़ती जा रही है बेसहारा लोगों की संख्या
धन की तंगी के कारण लोग ले रहे ऐसे कई निर्णय (फोटो सोर्स: एपी)

शेदाई कैंप (अफगानिस्तान), एपी। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान बेहद खराब स्थिति से गुजर रहा है। यहां के लोग न केवल सामाजिक स्तर पर, बल्कि आर्थिक स्तर पर बदहाली से गुजर रहे हैं। आलम यह है कि पैसों की मोहताज देश की जनता रोटी के लिए अपनी संतान तक को बेचने के लिए मजबूर हो रही है। बेसहारा लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। पैसे की कमी के कारण लोग इस तरह के कई निर्णय ले रहे हैं।

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में लाखों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। पांच साल से कम उम्र के 32 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। अफगानिस्तान के 'व‌र्ल्ड विजन' के राष्ट्रीय निदेशक असुंथ चा‌र्ल्स ने बताया कि वह हेरात के पास विस्थापित लोगों के लिए स्वास्थ्य क्लीनिक चलाते हैं। उन्होंने कहा कि आज मुझे यह देखकर बहुत दुख होता है कि कई परिवार दाने-दाने को मोहताज हैं। परिवार के अन्य सदस्यों को खिलाने के लिए वे अपने बच्चों तक को भी बेचने को मजबूर हैं।

10 साल की बच्ची को बिना उसे बताए शादी के लिए बेच दिया

खबरों के मुताबिक, पश्चिमी अफगानिस्तान में सूखे और युद्ध से विस्थापित लोगों की विशाल बस्ती में एक महिला अजीज गुल अपनी बेटी को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। उसके पति ने अपनी 10 साल की बच्ची को बिना उसे बताए शादी के लिए बेच दिया ताकि इससे मिले पैसों से वह अपने पांच बच्चों का भरण-पोषण कर सके। गुल के पति ने कहा कि बाकी की जान बचाने के लिए उसे एक की बलि देनी पड़ी।

शिविर के एक अन्य हिस्से में चार बच्चों के पिता हामिद अब्दुल्ला भी अपनी कम उम्र की बेटियों को विवाह के लिए बेच रहे हैं, क्योंकि उनके पास अपनी बीमार पत्‍‌नी के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं जो जल्द पांचवे बच्चे को जन्म देने वाली है। अब्दुल्ला की पत्‍‌नी बीबी जान ने कहा कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। पड़ोसी बड़घिस प्रांत में एक और विस्थापित परिवार अपने आठ वर्षीय बेटे सलाहुद्दीन को बेचने पर विचार कर रहा है। उसकी मां गुलदस्ता ने कहा कि मैं अपने बेटे को बेचना नहीं चाहती, लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसी तरह कई अन्य लोग भी मजबूरीवश अपनी संतान को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।

मुल्ला बरादर से मिले चीनी राजदूत, दिया मदद का आश्वासन

एएनआइ के मुताबिक, अफगानिस्तान में चीन के राजदूत वांग यू ने गुरुवार को तालिबान नेतृत्ववाली सरकार के कार्यवाह उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की और चीन की तरफ से मदद का आश्वासन दिया। वांग ने कहा कि चीन ने कभी भी अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया और वह उसके स्थिरता और पुननिर्माण के प्रयासों का समर्थन करता है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि बरादर ने चीन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय दोस्ताना संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया है।


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