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तानाशाह किम जोंग का नया आदेश, सभी स्कूलों में बच्चों को 90 मिनट तक पढ़ाई जाए महानता की कहानी

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश के सभी स्कूलों के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत बच्चों को 90 मिनट तक उनकी महानता की कहानी पढ़ाई जानी है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 11:19 AM (IST)
तानाशाह किम जोंग का नया आदेश, सभी स्कूलों में बच्चों को 90 मिनट तक पढ़ाई जाए महानता की कहानी
तानाशाह किम जोंग का नया आदेश, सभी स्कूलों में बच्चों को 90 मिनट तक पढ़ाई जाए महानता की कहानी

प्योंगयांग, ऑनलाइन डेस्क/एजेंसी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के बाद अब स्कूलों के शिक्षक और बच्चों के पैरंट्स खासे परेशान है। तानाशाह का नया फरमान है कि अब सभी स्कूलों में बच्चों को रोजाना 90 मिनट तक उसकी महानता की कहानी पढ़ाई जाए जिससे बच्चे उन्हें अपना आदर्श मानें और देश के लिए वफादार हो सके। इससे पहले तक नॉर्थ कोरियाई स्कूली छात्रों को किम जोंग-उन के बारे में पढ़ाए जाने के लिए केवल 30 मिनट का समय तय था।

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महानता शिक्षा के तहत जारी किया गया आदेश 

नॉर्थ कोरिया की एजेंसी केसीएनए के अनुसार स्कूली बच्चों को 90 मिनट तक किम के बारे में पढ़ाने के लिए जो आदेश जारी किया गया है, उसका एक सीधा सा मतलब है कि किम के प्रति युवा वफादार रहें। किम जोंग की ओर से उनकी बहन किम यो जोंग इस आदेश का पालन करवाने के लिए चीजें मॉनीटर कर रही हैं। वो अचानक से किसी स्कूल में इसको देखने के लिए भी जा सकती हैं या अपने किसी खास से उसकी रिपोर्ट भी मांग सकती हैं। ये नया सरकारी निर्देश बीते माह ही जारी किया गया है। चूंकि अभी स्कूल वगैरह बंद चल रहे हैं इस वजह से ये आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं जिससे जब स्कूल खुले तो बच्चों को उसी हिसाब से पढ़ाया जा सके। 

किम को बताया जा रहा बहुत बुद्धिमान बच्चा 

इस नई शिक्षा के तहत शिक्षक स्कूल के बच्चों को ये बताएंगे कि तानाशाह किम जोंग उन एक बहुत ही बुद्धिमान बच्चा था। उसने 5 साल की उम्र में एक नौका की सवारी की थी। निशाना लगाने का अभ्यास किया और पढ़ना पसंद करता था। पिता किम जोंग इल की साल 2011 में मौत के बाद देश को संभालने का जिम्मा उठाया। साल 1948 में नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था, उसके बाद से वो एक कम्युनिस्ट तानाशाही के रूप में चल रहा है। किम जोंग उन के दादा किम इल-सुंग ने नॉर्थ कोरिया की स्थापना की थी, वो ही इसके पहले नेता थे, उन्होंने देश को स्थापित करने के लिए काम किया था। 

बात नहीं बनी दो बने साउथ और नॉर्थ कोरिया 

दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरिया को दो भागों में बांट दिया गया था, एक नॉर्थ कोरिया बना और दूसरा साउथ कोरिया। नॉर्थ कोरिया सोवियत संघ के कब्जे में था और साउथ कोरिया संयुक्त राज्य द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। एकीकरण वार्ता (Integration talks)विफल होने के बाद कोरियाई क्रमशः कम्युनिस्ट नॉर्थ कोरिया और पूंजीवादी साउथ कोरिया के गठन के लिए तैयार हो गए। 1950 और 1953 के बीच नॉर्थ कोरिया द्वारा अपने पड़ोसी साउथ कोरिया पर हमले की वजह से लगभग 5 लाख लोग मारे जा चुके हैं।

अलग-अलग देशों ने किया समर्थन 

संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साउथ कोरिया की ओर से हस्तक्षेप किया जबकि चीन ने नॉर्थ कोरिया का समर्थन किया। देशों के बीच में आने के बाद से युद्ध तो समाप्त हो गया मगर आज भी नॉर्थ और साउथ कोरिया में तनाव बना हुआ है। तानाशाह अपने शासन के खिलाफ किसी तरह की आलोचना नहीं सुनना चाहता है।

बीते माह ही शासन के 5 अधिकारियों ने आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी, तब किम ने उन्हें रात में डिनर पर बुलवाया और अपनी स्पेशल सेना के जवानों से मौत के घाट उतरवा दिया। इन पांचों को गोली मार दी गई।उसके बाद उनके परिवारों को भी हिरासत में लिया गया था। तानाशाह किम का शासन ऐसा है कि वहां लोग अपनी राय भी नहीं दे सकते, जो किम ने कह दिया उसे ही अंतिम बात माना जाता है।  


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