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छह मिनट में चार्ज होगी कार की बैट्री, दक्षिण कोरिया ने हासिल की बड़ी सफलता, वायु प्रदूषण से भी मिलेगी निजात

शोधकर्ताओं का दावा है कि नए मैटेरियल से तैयार की गई बैट्री महज छह मिनट में 90 फीसद तक चार्ज हो सकती है। इंटरनल कंबंसन इंजन का उपयोग करने वाली पारंपरिक कारों के विपरीत इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह से लिथियम आयन बैट्री द्वारा संचालित होती हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:15 AM (IST)
छह मिनट में चार्ज होगी कार की बैट्री, दक्षिण कोरिया ने हासिल की बड़ी सफलता, वायु प्रदूषण से भी मिलेगी निजात
इलेक्ट्रिक कारों के चार्जिंग प्वाइंट की फाइल फोटो।

सिओल, आइएएनएस। वायु प्रदूषण धीरे-धीरे पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बनकर उभरने लगा है। डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियां इस समस्या में आग में घी का काम कर रही हैं। हालांकि, भविष्य की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कई देशों में इलेक्ट्रिक वाहन चलने लगे हैं पर अभी लोगों को इनकी खूबियों के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए इनका ज्यादा प्रयोग नहीं किया जाता। इनके सीमित इस्तेमाल की बड़ी वजह इनकी बैट्री भी है। लंबे रूट की यात्रा के लिए इन्हें बार-बार चार्ज करना पड़ता है। जिसमें काफी समय लगता है और सभी जगहों पर इसके लिए चार्जिग प्वाइंट भी नहीं होते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं को एक बड़ी सफलता मिली है। 

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बैट्री के लिए तैयार किया गया मैटेरियल 

उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैट्री के लिए एक ऐसा मैटेरियल तैयार किया है, जो इन्हें तेजी से चार्ज करने के साथ-साथ इन्हें लंबे समय तक चलने लायक बना सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि नए मैटेरियल से तैयार की गई बैट्री महज छह मिनट में 90 फीसद तक चार्ज हो सकती है। इंटरनल कंबंसन इंजन का उपयोग करने वाली पारंपरिक कारों के विपरीत इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह से लिथियम आयन बैट्री द्वारा संचालित होती हैं। कार की बैट्री का प्रदर्शन इनकी गुणवत्ता को परखने का एक अच्छा मानदंड है, जो यह भी तय करता है कि कार कैसा प्रदर्शन (परफॉर्मेस) करेगी। शोधकर्ताओं ने कहा, हालांकि धीमी चार्जिंग और कमजोर शक्ति (पावर) बैट्रियों की सबसे बड़ी खामियां हैं, जिन्हें अब जल्द ही दूर किया जा सकेगा। 

कम नहीं करना होगा पार्टिकल साइज

पोहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर ब्यूंगवू कांग और डॉ. मिंक्युंग किम की शोध टीमों के साथ-साथ सुंगकिंकवान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वोन-सब यून ने पहली बार इस अध्ययन के जरिये यह साबित किया कि बिना पार्टिकल साइज को कम किए और कम समय में भी ज्यादा बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। 

तो पैदा की जा सकती है उच्च ऊर्जा 

 प्रो. कांग ने कहा, 'बैट्री के मामले में पारंपरिक तरीके हमेशा से ही इस उद्योग के लिए नुकसानदेह रहे हैं। क्योंकि इससे समय अधिक लगने के बावजूद ज्यादा ऊर्जा एकत्र नहीं हो पाती और ये बैट्रियां जल्दी से डिस्चार्ज भी हो जाती हैं।' शोधकर्ताओं ने कहा, ' चार्जिग और डिस्चार्जिग के दौरान फेस ट्रांजिक्शन में यदि इंटरमीडिएट फेस बनता है तो उच्च ऊर्जा पैदा की जा सकती है।' 

चलेंगे इलेक्ट्रिक ट्रक : मस्क 

दो पहिए और चार पहिए वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को कई देशों में चलते देख चुके हैं। लेकिन भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने तो इलेक्ट्रिक ट्रक बाजार में उतारने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि भविष्य इलेक्ट्रिक ट्रकों का ही होगा। यदि हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है तो हमें इन्हें बाजार में उतारना ही होगा।


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