यदि ऐसा ही रहा तो थाइलैंड के चियांग राय की गुफा में तीन माह तक फंसे रहेंगे 12 बच्चे!
थाईलैंड की गुफा में पिछले दो सप्ताह से फंसे बच्चों को निकालने के लिए अभियान तेज हो गया है। हालांकि इस काम में मौसम बड़ी बाधा बन रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। थाइलैंड की बाढ़ प्रभावित एक गुफा में करीब दो सप्ताह से फंसे बच्चों और उनके कोच को बचाने में मौसम आड़े आ रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तरी थाइलैंड के चियांग राय प्रांत में 7 से 12 जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है। इससे प्रांत में स्थित थाम लुआंग गुफा में जलस्तर बढ़ सकता है। एक स्कूली फुटबॉल टीम के 11 से 16 साल के 12 खिलाड़ी और उनके 25 वर्षीय कोच 23 जून से इसी गुफा में फंसे हुए हैं। थाइलैंड की गुफा में फंसे 12 बच्चों और उनके कोच की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद के बीच एक थाई नेबी सील कमांडर की मौत हो गई है। इस पूरे ऑपरेशन में करीब एक हजार बचावकर्मी जुटे हुए हैं। इसमें अमेरिका और इंग्लैंड के भी बचावकर्मी शामिल हैं। आपको बता दें कि मानसून के सीजन में यह गुफा पानी से भरी रहती है। सितंबर या अक्टूबर तक गुफा में पानी कम होता है। यदि ऐसा ही रहा तो अगले तीन माह तक बच्चों को गुफा में ही रहना पड़ सकता है।
चियांग राय के गवर्नर नैरोंग्साक ओसोत्थानकोर्न ने गुरुवार को कहा, ‘हम मौसम से लड़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई है। इसलिए बचाव टीमें अब विचार कर रही हैं कि बच्चों को किस तरह सुरक्षित बाहर निकाला जाए।’ गवर्नर के अनुसार, बच्चे गुफा में जिस जगह पर फंसे हैं उस जगह पर पहुंचने और वहां से वापस आने में करीब 11 घंटे का वक्त लग रहा है।
थाइलैंड के गोताखारों ने अंतरराष्ट्रीय टीमों की मदद से बीते सोमवार को इन्हें खोज निकाला था। वे गुफा के मुहाने से करीब चार किमी अंदर हैं। माना जा रहा है कि वे गुफा में तब गए थे जब उसमें पानी नहीं भरा था। लेकिन अचानक भारी बारिश होने से वे गुफा में फंस गए। गुरुवार तक गुफा से करीब 12.8 करोड़ लीटर पानी पंप के जरिये बाहर निकाला जा चुका है। पानी निकलने से गुफा में हर घंटे औसतन 1.5 सेमी जलस्तर घट रहा है।
थाई गुफा में फंसे बच्चों को बचाने में आड़े आ रहा मौसम
थाईलैंड की गुफा में पिछले दो सप्ताह से फंसे बच्चों को निकालने के लिए अभियान तेज हो गया है। हालांकि इस काम में मौसम बड़ी बाधा बन रहा है। बच्चों को निकालने के लिए नेवी सील ने कमर कस ली है। बच्चों को स्कूबा मास्क पहनकर तैरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रस्सियां बांधी गईं
थाई नेवी सील के जवानों ने पानी से भरी गुफा से निकलने के रास्ते पर रस्सियां लगा रखी हैं। चूंकि छोटा बच्चा 12 लीटर वजनी ऑक्सीजन सिलेंडर खुद लादकर तैरने में असमर्थ होगा लिहाजा हर बच्चे के साथ एक नेवी डाइवर चलेगा जिसके कंधे पर लदे 12 लीटर एयर टैंक से बच्चा भी ऑक्सीजन लेता रहेगा।
बचाव अभियान
गुफा में फंसे बच्चों को बचाने के लिए थाई अधिकारियों ने एक बचाव अभियान तैयार किया है। इसके तहत पानी से लबालब गुफा में रस्सियों के सहारे बच्चों को ऑक्सीजन मुहैया कराते हुए बाहर निकालने की तैयारी है। बच्चों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे स्कूबा मास्क पहनकर सांस लें। बेहद संकरी और जटिल संरचना वाली इस गुफा में जरा सी गड़बड़ी बेहद गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।
योजना: लड़कों को खास तौर पर बनाए गए पूरे चेहरे को ढंकने वाले स्कूबा मास्क पहनाए जाएंगे। उन्हें खास सूट, हेलमेट और बूट भी दिए जाएंगे।
1.मुख्य प्रवेश द्वार: 23 जून को बच्चों की गुमशुदगी की सूचना आई तो छह मील लंबी गुफा के मुख्य प्रवेश द्वार पर उनकी साइकिलें और फुटबाल किट
मिलीं। द्वार पर बरसात के दौरान गुफा में न घुसने की चेतावनी लिखी है।
2. बचाव केंद्र: गुफा में 700 मीटर अंदर बचाव केंद्र बनाया गया है। थाई नेवी सील यहीं से बचाव रणनीति तैयार कर रही है।
3. मोंक जंक्शन: प्रवेश द्वार से 1.5 किमी अंदर है। बचावकर्मी रविवार को यहां पहुंचे। पानी बाहर निकालने और मौसम के ठीक होने से स्पष्ट हुई दृश्यता रस्सी लगाने में सहायक हुई।
4. पट्टाया बीच: अपेक्षाकृत ऊंचा गुफा का अहम स्थान है। बचाव दल पहले मान रहा था कि बच्चे यहीं होंगे, लेकिन जब वे यहां पहुंचे तो यहां भी पानी भरा था।
5. यहां बच्चे मौजूद: पट्टाया बीच से भी 200 मीटर अंदर बच्चे मौजूद हैं। ब्रिटेन के दो विशेषज्ञ केव डाइवरों से साथ अन्य बचावकर्मी पहुंचे और बच्चों को दवा, भोजन, पानी व अन्य सामान दिए गए।
चिली में बचाए गए खदानकर्मी ने थाई बच्चों का बढ़ाया हौसला
चिली में वर्ष 2010 में एक खदान में 69 दिन तक फंसे रहने वाले 33 कर्मचारियों में से एक ने थाइलैंड की गुफा में फंसे बच्चों का हौसला बढ़ाया है। मारियो सेपुल्वेडा ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश के जरिये थाई बच्चों को प्रोत्साहित किया और उम्मीद बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं थाई अधिकारियों और 12 बच्चों के परिवारों को शुभकामना देना चाहूंगा। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि थाई सरकार इस बचाव में हरसंभव प्रयास करेगी। यह बचाव सफल होगा। ईश्वर आप पर कृपा करें।
625 मीटर की गहराई में फंसे थे खदानकर्मी
मारियो अपने 32 साथियों के साथ पांच अगस्त, 2010 को तांबे और सोने की एक खदान धंसने से करीब 625 मीटर की गहराई में फंस गए थे। इस घटना के 17 दिन बाद इन सभी को मृत मान लिया गया था। लेकिन इसके बाद चमत्कार हुआ। बचाव कर्मियों ने एक सुराख के जरिये उन्हें खोज निकाला। यह सुराख महज एक मौसमी जितना बड़ा था। इसी के जरिये उन तक पानी और खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती थी। बाद में एक संकरे साफ्ट के जरिये इन सभी को एकएक कर बाहर निकाला गया था।