काबुल गुरुद्वारे हमले का मास्टरमाइंड असलम फारूकी गिरफ्तार, आइएसआइ से रिश्ते की बात कुबूली
पाकिस्तानी का यह असलम फारूकी पूर्व में जो कि पहले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) समूह और फिर तहरीक-ए-तालिबान के आतंकी समूह से भी जुड़े हुआ था।
काबुल, एएफपी। काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मालावी अब्दुल्ला अका असलम फारूकी अफगानिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। वह इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रांत (ISKP) का अमीर (प्रमुख) है। मार्च में हुए इस हमले में एक भारतीय नागरिक समेत 27 लोग मारे गए थे।
पाक की खुफिया एजेंसी से अपने रिश्ते की बात कबूली
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NDS) के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार फारूकी को 19 अन्य लोगों के साथ घेरकर गिरफ्तार किया गया। फारूकी ने शुरुआती पूछताछ में पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी से अपने रिश्ते की बात कुबूल की है। जाहिर है कि फारूकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की ओर इशारा कर रहा है। आने वाले दिनों में उससे कुछ और महत्वपूर्ण सूचनाएं मिल सकती हैं।
पाक और अफगान सीमा के नजदीक है उसका गांव
एएनआइ के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक फारूकी इससे पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था। इसके बाद वह तहरीक-ए-तालिबान से जुड़ा। इसके बाद वह आतंकी संगठन आइएस से जुड़ा और अप्रैल 2019 में उसे मालावी जिया उल हक अका अबू उमर खोरसानी के स्थान पर आइएसकेपी का प्रमुख नियुक्त किया गया। फारूकी मामजई आदिवासी समुदाय का है और पाकिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के नजदीक उसका गांव है। 25 मार्च को हुए आतंकी हमले में चार आतंकियों ने गुरुद्वारे में घुसकर गोलियां चलाई थीं और ग्रेनेड फेंके थे। हमलावरों में एक आत्मघाती भी था जिसने श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। इस हमले की भारत और अमेरिका ने निंदा की थी।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में सिख समुदाय अल्पसंख्यक है। आंतरिक मंत्रालय ने एक बंदूकधारी द्वारा किए गए हमले पर एक ट्वीट में कहा था कि दुर्भाग्य से इस हमले में 25 नागरिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए। गुरुद्वारे के अंदर फंसे 80 लोगों को सुरक्षा बलों ने बचा लिया। इससे पहले अफगानिस्तान मीडिया ने बताया था कि लगभग छह घंटे तक चले हमले को चार आतंकवादियों ने अंजाम दिया।