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श्रीलंका में तमिल गठबंधन करेगा राजपक्षे का विरोध, खतरे में महिंदा की सरकार

विक्रमसिंघे समर्थक कई सांसदों ने कहा है कि उन्हें राजपक्षे सरकार के समर्थन के लिए बड़ी धनराशि देने का लालच दिया जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 07:34 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 12:05 AM (IST)
श्रीलंका में तमिल गठबंधन करेगा राजपक्षे का विरोध, खतरे में महिंदा की सरकार
श्रीलंका में तमिल गठबंधन करेगा राजपक्षे का विरोध, खतरे में महिंदा की सरकार

कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका में राजनीतिक विवाद के बीच तमिलों के गठबंधन तमिल नेशनल एलायंस की तरफ से महत्वपूर्ण बयान आया है। गठबंधन ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। तमिलों की पार्टी की ओर से आए इस बयान से राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन और प्रधानमंत्री राजपक्षे पर सत्ता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।

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राजपक्षे ने दावा किया है कि उनके पास सरकार के समर्थन के लिए पर्याप्त संख्या बल है। हटाए गए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के समर्थक रहे छह सांसद पाला बदलकर उनके खेमे में आ चुके हैं। 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति सिरिसेन ने विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था, लेकिन संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को ही प्रधानमंत्री माना।

तमिल नेशनल एलायंस ने जारी बयान में कहा है कि राजपक्षे की नियुक्ति से संविधान के 19 वें संशोधन का उल्लंघन हुआ है। इसलिए एलायंस ने राजपक्षे के खिलाफ पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला किया है। एलायंस के सांसद एस विलेंथीरियन पाला बदलकर राजपक्षे के साथ हो गए हैं, उन्हें सरकार में उप मंत्री बनाया गया है।

माना जा रहा है कि एलायंस के 16 सांसदों में से चार राजपक्षे के संपर्क में हैं। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने स्पीकर को राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। पार्टी ने संसद में शक्ति परीक्षण की मांग की है। विक्रमसिंघे के बहुमत के दावे की अनदेखी करते हुए राष्ट्रपति सिरिसेन ने संसद को 16 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव में शुक्रवार को सिरिसेन ने संकेत दिए कि वह संसद को जल्द बहाल कर सकते हैं।

225 सदस्यों वाली श्रीलंकाई संसद में बहुमत के लिए सरकार को 113 सदस्यों का समर्थन चाहिए। संसद में विक्रमसिंघे की पार्टी यूएनपी के पास सर्वाधिक 106 सदस्य हैं। राजपक्षे का दावा है कि इनमें से कई सदस्य उनके साथ आ चुके हैं।

विक्रमसिंघे समर्थक कई सांसदों ने कहा है कि उन्हें राजपक्षे सरकार के समर्थन के लिए बड़ी धनराशि देने का लालच दिया जा रहा है। यूएनपी सांसद पालिथा रंगे भंडारा ने बताया कि राजपक्षे का समर्थन करने के लिए उन्हें 28 लाख डॉलर धनराशि देने का लालच किया गया है।


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