अधिकारों के लिए सक्रिय रहीं महिलाओं को तलाश रहा तालिबान, महिला पत्रकार को पकड़ने के लिए मारे छापे
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान के रवैये को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को हो रही है। तालिबान अब ऐसी महिलाओं को पकड़ने की कोशिश कर रहा है जो समाज में महिला अधिकारों के लिए काम कर रही थीं।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान के रवैये को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को हो रही है। तालिबान अब ऐसी महिलाओं को पकड़ने की कोशिश कर रहा है, जो समाज में महिला अधिकारों के लिए काम कर रही थीं। ऐसी ही महिला अधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार ने अपनी आपबीती बताई है। न्यूयार्क पोस्ट के अनुसार पत्रकार सायरा सलीम ने बताया कि पूर्व में वह महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रही हैं। अब उस जैसी महिलाओं की सूची बनाकर तालिबान उन्हें तलाश रहा है।
बकौल सायरा सलीम चार दिन पहले रात में उसके घर भी तालिबान सदस्यों ने धावा बोला था। तब वह चारपाई के नीचे छिप गई थीं। तालिबान सदस्यों ने उनके पिता से कहा, 'क्या उनकी लड़की को अपनी जान जाने का डर नहीं है।' सायरा ने बताया कि तालिबान का झंडा लगी गाड़ी काफी देर तक उनके घर के सामने खड़ी रही। अब वह छिपकर रहने को मजबूर हैं। उन्हें आशंका है कि तालिबान उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करेगा। पत्रकार सायरा सलीम अफगानिस्तान में सक्रिय रहीं महिलाओं का एक उदाहरण मात्र हैं।
बीस साल तक खुली हवा में सांस लेने वाली अफगानिस्तान की महिलाएं अब फिर तालिबान की ज्यादती का शिकार हो रही हैं। वहीं तालिबान की ओर से महिलाओं की शिक्षा को लेकर एक बयान सामने आया है। तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री ने रविवार को कहा कि अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालय में पढ़ने की इजाजत तो दी जाएगी लेकिन नए शासन में मिश्रित कक्षाओं पर प्रतिबंध रहेगा। यानी किसी भी कालेज में लड़के और लड़कियां एक साथ नहीं पढ़ेंगे। लड़कियों की क्लास अलग लगाई जाएंगी।
तालिबान के उच्च शिक्षा विभाग के कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने मंत्रालय के कर्मचारियों, सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से कहा कि छात्राओं के लिए सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि अफगानिस्तान के शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि तालिबान के इस फरमान के बाद लड़कियों की क्लास अलग लगाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा। वहीं निजी विश्वविद्यालयों के अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश कानून प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पर ही लागू किए गए हैं...