Taliban On Women: तालिबान नेता ने कहा, अफगान संस्कृति के मद्देनजर अफगानिस्तान की महिलाओं को मिले अधिकार
तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई महिलाओं की शिक्षा के अधिकारों के समर्थन में सामने आए और कहा कि देश में एक सुरक्षित शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि तालिबान की महिलाएं शिक्षा से वंचित है।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद, वहां की महिलाओं की जिन्दगी दुश्वार हो चुकी है। इस बीच तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई, महिलाओं की शिक्षा के अधिकारों के समर्थन में सामने आए और कहा कि देश में एक सुरक्षित शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक अमीरात के पूर्व नेता, मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर की पुण्यतिथि के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए, स्टैनिकजई ने कहा कि महिलाओं को अफगान संस्कृति और इस्लामी मूल्यों के आधार पर उनके अधिकार प्रदान किए जाने चाहिए।
अफगानिस्तान में महिलाएं शिक्षा से वंचित हैं
उन्होंने कहा, 'मौजूदा हालात में महिलाएं अपनी विरासत भी नहीं मांग सकतीं हैं। वे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। महिलाएं शरिया का पाठ कहां से सीखेंगी? महिलाएं अफगानिस्तान की आबादी का आधा हिस्सा हैं।'
स्टैनिकजई आर्थिक क्षेत्रों में विकास के लिए छोटे बजट के आलोचक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक चुनौतियों के कारण लोगों को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र में तालिबान सरकार की कोई जगह नहीं
उन्होंने कहा, 'इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में हमारी कोई कुर्सी (जगह) नहीं है, संयुक्त राष्ट्र में हमारी कोई कुर्सी नहीं है और यूरोप में हमारा कोई राजनीतिक कार्यालय भी नहीं है।'
बता दें कि कक्षा 6 से ऊपर की छात्राओं के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के फैसले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचना हुई है।
महिला टीवी एंकरों को दिया गया निर्देश
अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने रविवार को देश की सभी महिला टीवी न्यूज एंकरों के लिए आदेश जारी किया है। महिला एंकरों से समाचार प्रसारण के दौरान अपना चेहरा ढककर रखने को कहा गया है। कट्टरपंथी तालिबान के इस कदम की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है।
गुरुवार को आदेश की घोषणा होने के बाद कुछ ही न्यूज चैनलों ने उसका पालन किया, लेकिन रविवार को अधिकांश महिला एंकर चेहरा ढककर आईं। तालिबान के धार्मिक मामलों का मंत्रालय आदेश लागू करने में जुट गया है। सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि इस आदेश पर कोई समझौता नहीं होगा।
इसके अलावा, तालिबान शासन ने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को कम कर दिया है। आर्थिक संकट और प्रतिबंधों के कारण महिलाओं को बड़े पैमाने पर कार्यबल से बाहर रखा गया है।