आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए नशीली दवाओं पर नजर गड़ाया है तालिबान, करना चाहता है संगठन को मजबूत
तालिबान देश में अपना अधिकार बढ़ा रहा है वह अपनी ताकत को भी मजबूत करता जा रहा हैं। तालिबान अब अपने संगठन को मजबूत करने और अपने आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए नशीली दवाओं द्वारा कर के पैसों पर नजर गड़ाए हुए है।
काबुल, एएनआइ। तालिबान अफगानिस्तान के लगभग दो तिहाई हिस्से पर अपना अधिकार जमा चुका है। जैसे-जैसे तालिबान देश में अपना अधिकार बढ़ा रहा है वैसे-वैसे वह अपनी ताकत को भी मजबूत करता जा रहा हैं। तालिबान अब अपने संगठन को मजबूत करने और अपने आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए नशीली दवाओं द्वारा कर के पैसों पर नजर गड़ाए हुए है।
अमेरिकी सरकार द्वारा अफगानिस्तान को अकेला छोड़ना अफगान के लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ हफ्ते बाद से तालिबान ने अपने हमले शुरू कर दिए थे। तालिबान ने अफगान प्रांतों के 34 प्रशासनिक केंद्रों में से 10 से अधिक पर कब्जा करने का दावा किया है। तालिबान ने मई में अपना आक्रमण शुरू किया और तेजी से देश के प्रमुख जिलों पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया था।
विशेषज्ञों की माने तो 2001 की तुलना में आज तालिबान की सैन्य और आर्थिक ताकत कहीं अधिक है। टोरंटो स्थित एक थिंक टैंक के अनुसार, तालिबान को जब अफगानिस्तान से हटाया गया था, उस समय आतंकवादी संगठन ने राजस्व वसूली करके अपनी ताकत बढ़ाई। तालिबान अर्थव्यवस्था के कई चरणों में लगाए गए करों से पैसा कमाता है, जिसमें अफीम किसानों से 10 प्रतिशत खेती कर शामिल है। एक अनुमान के अनुसार तालिबान देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली उपभोक्ताओं को बिल भेजकर सालाना 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक कमा रहा है।
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आइएफएफआरएएस) ने कहा है कि अफ़ीम को हेरोइन में बनाने वाली प्रयोगशालाओं के साथ-साथ अवैध दवाओं की तस्करी करने वाले व्यापारियों से भी कर लिया जाता है। अवैध दवा अर्थव्यवस्था में तालिबान की वार्षिक हिस्सेदारी का अनुमान 100 से 400 तक यूएस मिलियन डालर से है।
पिछले महीने अफगान के उप मंत्री ने बताया था कि देश में पिछले साल की तुलना में इस साल अफीम की खेती और नशीली दवाओं की तस्करी में 45 प्रतिशत की बढ़त्तरी हुई है। तो वहीं टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान में कई हिस्सों पर 200,000 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर अफीम की खेती कर रहा है।