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अफगानिस्तान में बेअसर दिखा संघर्षविराम, तालिबान ने बंधक बनाए 200 लोग

अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अस्थायी संघर्षविराम के ऐलान के 24 घंटे बाद 100 से ज्यादा लोगों को तालिबानी आतंकियों ने बंधक बना लिया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 11:39 AM (IST)
अफगानिस्तान में बेअसर दिखा संघर्षविराम, तालिबान ने बंधक बनाए 200 लोग
अफगानिस्तान में बेअसर दिखा संघर्षविराम, तालिबान ने बंधक बनाए 200 लोग

काबुल [रायटर/एपी]। तालिबान ने सोमवार को अफगान सरकार के संघर्ष विराम प्रस्ताव से इनकार करते हुए कहा है कि वह अपने हमले जारी रखेगा। इसके साथ ही इस आतंकी संगठन ने तीन बसों का अपहरण करके 200 यात्रियों को बंधक बना लिया। हालांकि, सेना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 149 बंधकों को छुड़ा लिया। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। शेष लोगों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन जारी है।

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इस बीच, तालिबान के दो आतंकियों ने कहा है कि उनके सरगना शेख हेबतुल्ला अकुनजादा ने राष्ट्रपति अशरफ गनी के संघर्ष विराम प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। राष्ट्रपति गनी ने रविवार को ईद अल-अदहा से तीन माह के लिए संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा था।

इससे पहले जून में अफगान सरकार के अनुरोध पर तालिबान ईद के मौके पर तीन दिनों के लिए संघर्ष विराम रखने पर सहमत हो गया था। इससे आगे चलकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत की उम्मीद बंधी थी। लेकिन, नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर तालिबान के आतंकियों ने कहा कि संघर्ष विराम से सिर्फ अमेरिकी सैनिकों को फायदा होता है, जिन्हें वे लोग देश से बाहर निकालना चाहते हैं।

आतंकियों ने टेलीफोन पर बताया कि हमारा मानना है कि अगर हमने संघर्ष विराम का एलान कर दिया, तो अमेरिकी सैनिकों को यहां और ठहरने का अवसर मिल जाएगा। तालिबान के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि तीन महीने का संघर्ष विराम सशर्त था। अब यदि तालिबान इसका सम्मान नहीं करता है, तो फिर सरकार भी सैनिक कार्रवाई जारी रखेगी।

तालिबान-सरकार की बातचीत में मदद के लिए अमेरिका तैयार
अमेरिका ने कहा है कि वह अफगान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत में मदद करने और उसमें शामिल होने के लिए तैयार है। अफगान सरकार द्वारा तीन माह के लिए संघर्ष विराम के प्रस्ताव के बाद विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी इस पहल का समर्थन करते हैं। हम तालिबान से भी इसमें शामिल होने का अनुरोध करते हैं।


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