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सत्‍ता हस्‍तांतरण के लिए राष्‍ट्रपति भवन में अफगानिस्‍तान सरकार से तालिबान के मुल्‍ला बराबर से बातचीत

काबुल के अलावा नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में काबुल के अलावा सात अन्य प्रांतीय राजधानियां ही बची हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 05:18 PM (IST)
सत्‍ता हस्‍तांतरण के लिए राष्‍ट्रपति भवन में अफगानिस्‍तान सरकार से तालिबान के मुल्‍ला बराबर से बातचीत
देश की 34 में से सिर्फ सात प्रांतीय राजधानियां ही अफगान सरकार के पास बची है।

काबुल, एजेंसियां। तालिबान बेहद तेज रफ्तार से अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाता जा रहा है। रायटर ने अफगान आंतरिक मंत्रालय के हवाले से बताया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हर तरफ से घुसना शुरू कर दिया है। उन्होंने काबुल से जाने वाले रास्तों को अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं, तालिबान ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनका अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जबरन घुसने का कोई इरादा नहीं है। इससे पहले रविवार को तालिबान ने देश के सबसे बड़े शहरों में से एक नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद शहर को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है। अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण में अब काबुल लमेत देश की 34 में से सिर्फ सात प्रांतीय राजधानियां ही बची है। एपी ने अफगान अधिकारी के हवाले से बताया है कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता के हस्तांतरण की तैयारी के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन जा रहे हैं।

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टोलो न्यूज़ के मुताबिक, अफगानिस्तान के कार्यवाहक आंतरिक मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने कहा कि राजधानी काबुल पर हमला नहीं किया जाएगा सब कुछ शांतिपूर्वक होगा। उन्होंने काबुल निवासियों को आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

अशरफ गनी सरकार के एक पूर्व शीर्ष वरिष्ठ सलाहकार ने जलालाबाद के पतन की खबर की पुष्टि की, उन्होंने उम्मीद जताई है कि तालिबान प्रांत में नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। शनिवार को अशरफ गनी ने अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौराना उनको काबुल और पड़ोसी प्रांतों की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई थी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में यूएस चार्ज डी'अफेयर्स रास विल्सन और अमेरिकी सेना कमांडर ने भाग लिया और दोनों ने अफगान बलों को अपना समर्थन देने की बात कही।

बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है। तालिबान ने पिछले सप्ताह में अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। उधर, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है।

इसे भी पढ़ें: जानें कौन है मुल्‍ला अब्‍दुल गनी बराबर, जिन्‍हें तालिबान ने घोषित किया अफगानिस्‍तान का राष्‍ट्रपति

अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था और इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर चरमपंथियों का कब्जा हो गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम 20 वर्षों की उपलब्धियों को बेकार नहीं जाने देंगे। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है।


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