अफगानिस्तान के कार्यवाहक पीएम ने अपने पहले संबोधन में गनी पर लगाए गबन के आरोप, लगाई मदद की गुहार
भीषण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद हसन अखुंद ने शनिवार को दुनिया से आर्थिक मदद की गुहार लगाई और सभी राष्ट्रों के साथ अच्छे संबंध रखने का भरोसा दिया। पढ़ें यह रिपोर्ट....
काबुल, एएनआइ। भीषण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद हसन अखुंद ने शनिवार को अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में दुनिया को भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि उनका देश अन्य सभी राष्ट्रों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है। टोलो न्यूज ने अखुंद के हवाले से कहा, 'अफगानिस्तान सभी राष्ट्रों के साथ आर्थिक रिश्ते मजबूत करना चाहता है। हम किसी भी देश के अंतरराष्ट्रीय मामलों में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते।'
धन के गबन का आरोप लगाया
अखुंद ने सभी देशों से अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए मदद जारी रखने की अपील की। टीवी पर संबोधन के दौरान अखंद ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी पर भ्रष्टाचार और धन के गबन का आरोप लगाया। अंखुद ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले भी देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था।
उपलब्ध कराए महिलाओं के अधिकार
अखुंद ने दावा किया कि तालिबान सरकार ने महिलाओं को उनके अधिकार उपलब्ध कराए हैं। सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिए स्थितियों को बेहतर करने का प्रयास कर रही है। यदि सेंट्रल बैंक की संपत्तियां मुक्त कर दी गईं तो अफगानिस्तान का आर्थिक संकट दूर हो जाएगा।
ध्वस्त हो सकती है अर्थव्यवस्था
एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है और समय दूर नहीं जब पूरी तरह ध्वस्त हो जाए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में साल दर साल 30 फीसद या उससे ज्यादा की गिरावट आ सकती है। इससे देश में भुखमरी के भयंकर हालात पैदा हो सकते हैं।
आर्थिक मदद पर रोक
चरमपंथियों की सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाने से आइएमएफ, विश्व बैंक, यूरोपीय यूनियन, अमेरिका एवं अन्य विदेशी फंडिंग एजेंसियों ने अफगानिस्तान की आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। अमेरिका ने अपने बैंकों और वित्तीय संस्थानों में जमा अफगानिस्तान की 9.5 अरब डालर की राशि से प्रतिबंध हटाने से भी इन्कार कर दिया है।
ईरान को निर्यात में 50 फीसद की वृद्धि का दावा
चैंबर आफ कामर्स एंड इन्वेस्टमेंट ने दावा किया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अफगानिस्तान से ईरान को होने वाले निर्यात में 50 फीसद की वृद्धि हुई है। ईरान को 1.7 करोड़ डालर की कीमत की सामग्री का निर्यात किया जा चुका है।