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अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, ताइवान के साथ फिर बढ़ा तनाव; सामने आई यह बड़ी वजह

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि चीनी विमानवाहक पोत शेडोंग के शनिवार को दो अन्य जहाजों के साथ ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरने से द्वीप पर सैन्य तनाव में इजाफा हो गया है। ताइवानी सेना ने चीन के इस कदम का कड़ा जवाब दिया।

By AgencyEdited By: Achyut KumarPublished: Sat, 27 May 2023 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 01:00 PM (IST)
अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, ताइवान के साथ फिर बढ़ा तनाव; सामने आई यह बड़ी वजह
ताइवान का चीन के साथ विवाद गहराया

ताइपे, रायटर। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी विमानवाहक पोत शेडोंग के शनिवार को दो अन्य जहाजों के साथ ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरने से द्वीप पर सैन्य तनाव में इजाफा हो गया है। मंत्रालय ने कहा कि शेडोंग को 2019 में कमीशन किया गया था। यह जलडमरूमध्य के माध्यम से उत्तर दिशा में रवाना हुआ था। इससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया।

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ताइवान ने चीन को दिया कड़ा जवाब

  • मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि ताइवान की सेना ने अपने स्वयं के जहाजों और विमानों का उपयोग करते हुए समूह पर कड़ी निगरानी रखी और 'उचित प्रतिक्रिया' दी।
  • चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
  • चीन के  सशस्त्र बलों ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर भी इस घटना का कोई उल्लेख नहीं किया है।
  • शेडोंग ने पिछले महीने ताइवान के आसपास चीनी सैन्य अभ्यास में भाग लिया, जो पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चल रहा था।
  • पिछले साल मार्च में चीनी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत होने से कुछ ही घंटे पहले शेडोंग ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरा था।

ताइवान के आसपास चीन की सैन्य गतिविधियां जारी

चीन ने पिछले महीने औपचारिक रूप से युद्धाभ्यास समाप्त करने के बाद ताइवान के आसपास छोटे पैमाने पर सैन्य गतिविधियां जारी रखी हैं। शनिवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने भी पिछले 24 घंटों में कहा था कि आठ चीनी लड़ाकू विमानों ने जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर लिया था। चीनी युद्धक विमान पिछले अगस्त के युद्ध के खेल के बाद से नियमित रूप से ऐसा कर रहे हैं।

द्वीप के लोग ही तय कर सकते हैं अपना भविष्य: ताइवान

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की सरकार ने बीजिंग की संप्रभुता के दावों का कड़ा विरोध किया है। उसका कहना है कि केवल द्वीप के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं।


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