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स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया, कोविंद ने की मौरेर से वार्ता

भारत स्विट्जरलैंड बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित करते हुए कोविंद ने भारत और स्विस उद्यमों को साथ काम कर एक-दूसरे का मोल बढ़ाने की दिशा में काम करने की बात कही।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 11:58 PM (IST)
स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया, कोविंद ने की मौरेर से वार्ता
स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया, कोविंद ने की मौरेर से वार्ता

बर्न, प्रेट्र। स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग में हर तरह से समर्थन देने का वादा किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने स्विस समकक्ष उली मौरेर के साथ बातचीत में उन्हें बताया कि भारत दशकों से राज्य पोषित आतंकवाद का शिकार रहा है।

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आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती

राष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि कोविंद और मौरेर की अगुवाई में शुक्रवार को हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान दोनों पक्ष इस पर सहमत हुए कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती है। पाकिस्तान की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए कोविंद ने स्विस प्रतिनिधिमंडल को बताया कि भारत कई दशकों से राज्य पोषित आतंकवाद का शिकार है।

स्विट्जरलैंड ने दिया आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन

राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा, 'स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ जंग मजबूत करने में अपना हरसंभव समर्थन देने की बात कही है।' भारत और स्विट्जरलैंड ने आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी संबंध मजबूत करने के प्रति भी कड़ी प्रतिबद्धता जाहिर की है। दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गठबंधन पर तकनीकी सहयोग के संबंध में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए और लोसान विश्वविद्यालय की हिंदी पीठ के नवीकरण पर भी करार किया।

कोविंद ने भारत और स्विस उद्यमों को एक साथ काम करने को कहा

बाद में, भारत स्विट्जरलैंड बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित करते हुए कोविंद ने भारत और स्विस उद्यमों को साथ काम कर एक-दूसरे का मोल बढ़ाने की दिशा में काम करने की बात कही। तीन देशों आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया के दौरे पर निकले कोविंद गुरुवार को बर्न पहुंचे।

गांधी की अर्धप्रतिमा का अनावरण किया

राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से महज कुछ दिनों पहले शनिवार को यहां उनकी अर्धप्रतिमा का अनावरण किया और उम्मीद जताई कि उनकी विरासत मानवजाति को जलवायु परिवर्तन से निपटने एवं पारिस्थितिकी का संरक्षण करने की प्रेरणा देगी। एक विशेष कार्यक्रम में गांधीजी की धरोहर को संजोने और उनके नाम पर एक चौराहे का नाम रखने पर राष्ट्रपति ने विल्लेनुवी समुदाय को धन्यवाद दिया।


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