Move to Jagran APP

Myanmar Election : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू को भरोसा, जीत जाएंगे हम, निराश हुए रोहिंग्या

सू की अगुवाई वाली म्‍यांमार की सत्‍तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को कहा है कि उनको विश्‍वास है कि चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। कोरोना महामारी के बीच म्‍यांमार के 3.7 करोड़ पंजीकृत मतदाता मतदान में भाग ले रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 03:56 PM (IST)
Myanmar Election : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू को भरोसा, जीत जाएंगे हम, निराश हुए रोहिंग्या
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की फाइल फोटो।

यंगून, एजेंसी। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की अगुवाई वाली म्‍यांमार की सत्‍तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को कहा है कि चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। उन्‍होंने विश्‍वास जताया कि उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। बता दें कि कोरोना महामारी के प्रचार के बीच म्‍यांमार में आम चुनाव हो रहे हैं। देश में कोरोना वायरस के 1,100 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना महामारी के बीच म्‍यांमार के 3.7 करोड़ पंजीकृत मतदाता मतदान में भाग ले रहे हैं। 2015 के आम चुनाव में एलएलडी की जबरदस्‍त जीत के साथ देश से 50 साल के सैन्य शासन का अंत हुआ था।

loksabha election banner

म्‍यांमार की राजधानी यंगून में सुबह से मतदाताओं की लंबी कतार देखी गई। मतदाताओं ने फेस मास्‍क पहन कर मतदान में हिस्‍सा लिया। देश में विद्रोहियों के कारण कई इलाकों में मतदान को रद कर दिया गया है। इसके चलते करीब 10 लाख से अधिक लोग मतदान में हिस्‍सा नहीं ले सकेंगे। इस बीच निर्वाचन आयोग ने कहा कि सोमवार तक परिणामों की घोषणा हो जाएगी। एनएलडी के प्रवक्ता मोनीवा आंग शिन ने कहा चुनाव परिणाम हमारे पक्ष में आएंगे। उन्‍होंने कहा कि मुझे यकीन है कि हम सरकार बना सकते हैं।

म्यांमार के राखीन राज्य में शिविरों और गांवों तक सीमित हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक  वोट देने में असमर्थ थे। रोहिंग्या पार्टी, डेमोक्रेसी और ह्यूमन राइट्स पार्टी ने एक बयान में कहा कि इस चुनाव में वह पूरी तरह से निराश हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में मतदान सुरक्षा कारणों से रद करना पड़ा और केवल नागरिक ही मतदान के हकदार थे।

देश की 90 से अधिक पार्टियों ने संसद के ऊपरी और निचले सदन के लिए प्रत्‍याशी खड़े किए हैं। एनएलडी के सामने 5 वर्ष पूर्व की तरह इस बार भी सैन्‍य समर्थित यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी कड़ी टक्‍कर दे रही है। सेना समर्थित इस पार्टी ने संसद में विपक्ष का नेतृत्‍व किया था। प‍िछले चुनाव में अधिकतर जातीय पार्टियों ने सू की एनएलडी का समर्थन किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.