भारत-कुवैत संबंधों को मजबूत करने के लिए सुषमा स्वराज ने अमीर और पीएम से की मुलाकात
हजारों भारतीय इंजीनियरों को कुवैत सरकार की नई नीति के चलते डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ सकता है।
कुवैत सिटी, प्रेट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कुवैत के अमीर (सर्वोच्च नेता) शेख सबह अल-अहमद अल-जबर अल-सबह समेत कई नेताओं से मुलाकात की। भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए चर्चा के साथ भारतीय समुदाय की चिंताओं को भी उठाया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि सुषमा स्वराज मंगलवार को दोहा से कुवैत पहुंची थीं। उन्होंने कतर के अमीर शेख तामिम बिन हमद अल-थानी से विगत सोमवार को मुलाकात की थी। सुषमा स्वराज ने कुवैत के अमीर शेख सबह अल-अहमद अल-जबर अल-सबह की क्षेत्र में भूमिका पर चर्चा की। द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक विकास पर संज्ञान लिया।
सुषमा स्वराज ने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख जबर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबह का आह्वान किया। द्विपक्षीय चिंताओं पर चर्चा के साथ ही आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने और निवेश में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
कुमार ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सुषमा स्वराज से हुई मुलाकात के ब्योरे को अमीर और प्रधानमंत्री ने कुवैत के भारतीय समुदाय के लोगों से साझा किया।
आजकल कुवैत में भारतीय समुदाय कुवैती सरकार की नई श्रम नीतियों को लेकर चिंतित है। लिहाजा, भारतीय दूतावास ने घोषणा की है कि आगामी दो नवंबर को कुवैती सरकार की नीतियों में बदलाव से प्रभावित सभी भारतीय इंजीनियरों के लिए एक बैठक आयोजित करेगी।
रिपोर्ट है कि हजारों भारतीय इंजीनियरों को कुवैत सरकार की नई नीति के चलते डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ सकता है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक करीब आठ लाख से अधिक भारतीय नागरिक वैध तरीके से कुवैत में रहते हैं।