SCO SUMMIT में बोली सुषमा स्वराज,श्रीलंका, पुलवामा हमले से आतंक के खिलाफ और प्रतिबद्ध हुआ भारत
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए किर्गिस्तान में हैं।
बिश्केक, प्रेट्र। भारत ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका में सिलसिलेवार बम विस्फोट ऐसे समय पर हुए जब पुलवामा आतंकवादी हमले के जख्म भरे भी नहीं थे। इन घटनाओं ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बनाया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां किरगिस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत समग्र, सहयोगात्मक एवं स्थाई सुरक्षा के लिए एससीओ संरचना में सहयोग लगातार मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
स्वराज ने कहा, 'हमारी संवेदनाएं हाल ही में भीषण आतंकवादी कृत्य के गवाह बने श्रीलंका के हमारे भाइयों एवं बहनों के साथ हैं। पुलवामा हमले से मिले हमारे जख्म अभी हरे ही थे और तभी पड़ोस से मिली भयावह खबर ने आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के लड़ने के लिए हमें और अधिक प्रतिबद्ध बना दिया।'
श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों पर 21 अप्रैल को नौ आत्मघाती हमलावरों द्वारा किए गए विस्फोट में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 500 अन्य घायल हो गए थे। अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आइएस ने हमलों की जिम्मेवारी ली लेकिन श्रीलंका सरकार ने स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथी समूह नेशनल थावहीद जमात (एनटीजे) पर आरोप लगाया है।
इससे कुछ महीनों पहले ही जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
स्वराज ने कहा कि भारत क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे (आरएटीएस) के कार्य को और प्रभावशाली बनाने के तरीकों संबंधी विचारों को अपनाने के लिए तैयार है। आरएटीएस विशेष रूप से सुरक्षा संबंधी मामलों को देखता है।
भारत 2017 में इस समूह का पूर्ण सदस्य बना था और भारत के इसमें शामिल होने से क्षेत्रीय भू-राजनीति में समूह का महत्व बढ़ गया है। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी 2017 में एससीओ की सदस्यता मिली थी। शंघाई में 2001 में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किरगिस्तान रिपब्लिक, कजाखिस्तान, ताजाकिस्तान और उजबेकिस्तान ने एससीओ की स्थापना की थी।
भारत ने नियम आधारित, पारदर्शी व्यापार प्रणाली का पक्ष लिया
सुषमा ने चीन एवं अमेरिका के मध्य जारी व्यापार युद्ध के बीच कहा, 'भारत नियम आधारित, पारदर्शी, निष्पक्ष, खुली एवं समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली अपनाता है जो विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप है। भारत एकतरफा और संरक्षणवाद का दृढ़ता से विरोध करता है।'
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार का समर्थन की अपील की
विदेश मंत्री ने एससीओ के सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समग्र सुधार प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। सुधारों से इसे और ज्यादा प्रभावी बनाया जा सके। ब्राजील, जर्मनी और जापान के साथ भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करता चला आ रहा है।
बैठक में पाक विदेश मंत्री कुरैशी के समीप ही बैठीं स्वराज
सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बुधवार को एससीओ की बैठक में एक दूसरे के समीप बैठे। 2005 तक भारत एससीओ में आब्जर्वर रहा और पाकिस्तान के साथ ही 2017 में इसकी सदस्यता दी गई।
कब और क्यों हुई SCO की स्थापना?
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई। इसके उद्देश्यों में सीमा विवादों का हल, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाना और सेंट्रल एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना शामिल है। इसके सदस्यों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं।
2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना भारत
गौरतलब है कि साल 9 जुलाई 2017 को भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना है। एससीओ के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। वहीं, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक हैं।
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