अफगानिस्तान से कश्मीर तक महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, PM मोदी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से ली जानकारी
अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में 5.7 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।यूरोपियन मेडिटेरेनियन सिस्मोलाजिकल सेंटर (ईएमएससी) के मुताबिक अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप की गहराई 210 किलोमीटर थी।
काबुल, (रायटर्स)। अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 5.7 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यूरोपियन मेडिटेरेनियन सिस्मोलाजिकल सेंटर (ईएमएससी) के मुताबिक, अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया है। पहले इस भूकंप की तीव्रता को 6.7 बताया गया था। जानकारी के अनुसार, भूकंप के ये झटके शनिवार सुबह अफगानिस्तान से लेकर भारत और पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रो में भी महसूस किए गए। भूकंप की गहराई 210 किलोमीटर बताई गई है। हालांकि, इस भूकंप से अभी किसी तरह के जान माल के खतरे की खबर का पता नहीं चला है।
दरअसल, कश्मीर समेत देश कई हिस्सों में सुबह 9:46 पर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.9 मापी गई। भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि लोग हड़बड़ाहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। इसी तरह के झटके जिला पुंछ में भी महसूस किए गए। यहीं नहीं दिल्ली एनसीआर में भी भूकंप के झटके को महसूस किया गया और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने कुछ सैकेंड के लिए ये झटका महसूस किया। कुछ लोगों के मुताबिक ये काफी तेज था।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को फोन कर केंद्र शासित प्रदेश में भूकंप की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
PM Narendra Modi called J&K Lt Governor Manoj Sinha to inquire about the situation in the UT due to the earthquake: Sources
(File photo) pic.twitter.com/oKBjE2SJAC— ANI (@ANI) February 5, 2022
गौरतलब है हिंदुकुश पर्वतमाला का क्षेत्र करीब 3500 किलोमीटर से अधिक में फैला है। इसके अंदर दुनिया के आठ देश जिनमें अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, नेपाल, म्यांमार और पाकिस्तान आता है। हिंदुकुश हिमालय दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण 'वाटर टावर' है। जो एशिया की 10 सबसे बड़ी नदियों का स्रोत है। ये नदियां पहाड़ों और निचले इलाकों में रहने वाले 1.3 अरब लोगों के पीने के पानी, सिंचाई, ऊर्जा, उद्योग और स्वच्छता की जरूरतों को पूरा करती हैं।