श्रीलंका में मुस्लिम विरोधी दंगों की होगी जांच, कैंडी से कर्फ्यू हटा
राजधानी कोलंबो में शुक्रवार को ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। शांति बनाए रखने के लिए मस्जिदों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात रहे।
कोलंबो, एएफपी। श्रीलंका में पिछले सप्ताह हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद माहौल अब कुछ शांत है। माहौल को देखते हुए कैंडी जिले से सरकार ने अब कर्फ्यू हटा लिया है। साथ ही कैंडी में हुए मुस्लिम विरोधी दंगों की जांच के लिए एक जांच कमिटी का भी गठन कर दिया गया है। कैंडी में पिछले हफ्ते बौद्ध और मुस्लिम समुदायों के बीच दंगे भड़क गए थे, जिसमें 3 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने देश में 10 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी थी।
तीन रिटायर्ड जजों की टीम अब ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि आखिर, कैंडी में दंगे भड़कने के पीछे वजह क्या रही। राष्ट्रपति के कार्यालय से यह जानकारी दी गई है। बता दें कि दंगों के दौरान 3 लोग मारे गए, 20 लोग घायल हुए और 200 मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों और घरों को नुक्सान पहुंचाया गया। कैंडी में ये दंगे पूरे 4 दिनों तक चले। खबर के मुताबिक, 11 मस्जिदों को भी नुक्सान पहुंचाया गया।
देश की राजधानी से कोलंबो से लगभग 115 किलोमीटर दूर कैंडी में अब हालात बेहतर हैं। इसलिए कर्फ्यू हटा लिया गया है। हालांकि भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती अब भी यहां है। कैंडी जिले में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को मुस्लिम सुमदाय के लोगों ने भारी सुरक्षा के बीच मस्जिदों में नामाज पढ़ी। इस बीच कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। हालांकि शुक्रवार को बौद्ध समुदाय के हाजारों लोग कैंडी में जुटे और उन्होंने दंगों के अरोपी मुस्लिम लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी समेत लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कोलंबो में भी दहशत
राजधानी कोलंबो में शुक्रवार को ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। शांति बनाए रखने के लिए मस्जिदों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात रहे। अकेले कैंडी में तीन हजार पुलिस वाले, ढाई हजार सेना के जवान और 750 स्पेशल टास्क फोर्स के जवान तैनात रहे। गुरुवार रात को कर्फ्यू के बावजूद जिले में दंगाइयों ने फिर कुछ मस्जिदों को निशाना बनाया। पुलिस ने अभी तक हिंसा के आरोप में 81 लोगों को गिरफ्तार किया है। दो करोड़ की जनसंख्या वाले श्रीलंका में 75 फीसद आबादी सिंहली बौद्ध समुदाय की है। मुस्लिम कुल जनसंख्या का दस प्रतिशत हैं।
एलटीटीई के अंत के बाद भी शांति नहीं
2009 में चरमपंथी संगठन एलटीटीई के अंत से लगा था कि इस देश में शांति स्थापित हो जाएगी लेकिन अब यहां बौद्ध-मुस्लिमों का मामला गरमाया हुआ है। श्रीलंका में बौद्धों और मुस्लिमों के बीच हालिया तनाव कैंडी जिले से उपजा है। कुछ दिनों मुस्लिमों ने एक बौद्ध सिंहली व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद सोमवार को सिंहल बौद्धों ने मुस्लिमों की दुकानों को जला दिया था और मंगलवार को एक मुस्लिम युवक की जली हुई लाश पाई गई।