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Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका में आज से सभी सरकारी और निजी स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद, जानें क्या है वजह

श्रीलंका के मंत्री ने कहा कि अगले अवकाश अवधि (Next Vacation term) में स्कूल पाठ्यक्रम को कवर किया जाएगा। इससे पहले भी 18 जून को श्रीलंका सरकार ने आगामी सप्ताह के लिए सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की थी।

By Piyush KumarEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 05:55 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 05:55 AM (IST)
Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका में आज से सभी सरकारी और निजी स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद, जानें क्या है वजह
श्रीलंका में सभी सरकारी और राज्य-अनुमोदित निजी स्कूलो को एक सप्ताह के लिए बंद किया गया। (फाइल फोटो)

 कोलंबो, एएनआइ। अभूतपूर्व ईंधन संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने एक बार फिर से स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय ने आज से सभी सरकारी और राज्य-अनुमोदित निजी स्कूलों के लिए एक सप्ताह का अवकाश घोषित किया है। श्रीलंका के मंत्री ने कहा कि अगले अवकाश अवधि (Next Vacation term) में स्कूल पाठ्यक्रम को कवर किया जाएगा। इससे पहले भी 18 जून को श्रीलंका सरकार ने आगामी सप्ताह के लिए सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की थी।

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सभी स्कूल अगले सप्ताह तक रहेंगे बंद

डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि "कोलंबो शहर के अंतरर्गत सभी सरकारी और सरकार द्वारा अनुमोदित निजी स्कूल, साथ ही अन्य प्रांतों के अन्य मुख्य शहरों के स्कूल अगले सप्ताह तक बंद रहेंगे। गौरतलब है कि श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय के सचिव निहाल रणसिंघे ने स्कूलों को आनलाइन कक्षाएं संचालित करने के लिए कहा और कहा कि उप-मंडलीय स्तर पर स्कूलों को कम संख्या में छात्रों के साथ कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दी जाएगी, जहां छात्रों, शिक्षकों और प्राचार्यों को परिवहन की समस्या न हो।

कुछ घंटों के लिए बिजली कटौती पर लगी रोक

डेली मिरर ने बताया कि उन्होंने घोषणा किया है कि श्रीलंका के सार्वजनिक उपयोगिता आयोग (पीयूसीएसएल) ने सप्ताह के दिनों में आनलाइन शिक्षण की सुविधा के लिए सुबह 08.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक बिजली कटौती नहीं करने पर सहमति जता दी है। बता दें कि इस साल मार्च से ही आजादी मिलने के बाद से सबसे बुरे आर्थक संकट की चपेट में हैं। गंभीर आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका में राजनीतिक अशांति का जन्म हुआ, जिसके कारण राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाई महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और मई में रानिल विक्रमसिंघे को देश के प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। बता दें कि आर्थिक संकट ने विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा, कृषि, आजीविका और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को प्रभावित किया है।


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