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Sri Lanka Easter Attack: श्रीलंका ईस्टर हमला जांच समिति ने पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व पीएम को समन किया

Sri Lanka Easter Attack राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पिछले साल नवंबर में अपने चुनाव प्रचार में घटना की निष्पक्ष जांच कराने की वकालत की थी।प्रभार संभालने के बाद उन्होंने सिरिसेन द्वारा गठित समिति से ही जांच जारी रखी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:29 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:29 AM (IST)
Sri Lanka Easter Attack: श्रीलंका ईस्टर हमला जांच समिति ने पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व पीएम को समन किया
Sri Lanka Easter Attack: इस हमले में 11 भारतीय समेत 258 लोग मारे गए थे।

कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका में ईस्टर संडे हमलों की जांच करने वाली राष्ट्रपति की समिति ने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन और पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को घातक आतंकी हमले पर अपना पक्ष रखने के लिए समन किया है। स्थानीय आतंकी समूह नेशनल थावहीद जमात के नौ आत्मघाती हमलावरों ने कई विध्वंसक हमले किए थे। आइएस से जुड़े इस आतंकी समूह ने तीन चर्चो और कई लग्जरी होटलों को निशाना बनाया था।

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पिछले वर्ष ईस्टर संडे पर हुए हमलों में 11 भारतीय समेत 258 लोग मारे गए थे।अधिकारियों ने कहा कि सिरिसेन आयोग के सामने पांच अक्टूबर को पेश होंगे जबकि विक्रमसिंघे छह अक्टूबर को हाजिर होंगे। सिरिसेन और विक्रमसिंघे की अगुआई वाली पिछली सरकार पर हमले रोकने में अक्षमता का आरोप लगाया जा रहा है। हमले के बारे में खुफिया रिपोर्ट के बावजूद हमले नहीं रोके जा सके थे। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पिछले साल नवंबर में अपने चुनाव प्रचार में घटना की निष्पक्ष जांच कराने की वकालत की थी। प्रभार संभालने के बाद उन्होंने सिरिसेन द्वारा गठित समिति से ही जांच जारी रखी है।

ईस्टर हमले को हुए एक साल

श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए बम धमाकों को आज एक साल पूरा हो गया है। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बीच लोगों ने जान गंवाने वालों को याद किया। श्रीलंका के चर्चों और लक्जरी होटलों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 21 अप्रैल, 2019 को कोलंबों, नेगोंबो और बट्टिकलोआ में तीन चर्चों और शांगरी-ला, सिनमन ग्रैंड, किंग्सबरी और ट्रॉपिकल इन में सिलसिलेवार धमाको को अंजाम दिया गया था। इस दौरान 500 से अधिक लोगों घायल भी हुए थे। मृतकों में 11 भारतीयों समेत 42 विदेशी नागरिक थे। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से इस हमले में मारे गए लोगों को याद करने के लिए तय कार्यक्रम को रद करना पड़ा। 


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