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Sri Lanka Crisis: रिपोर्ट में हुआ खुलासा - श्रीलंका अपने संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र के लिए चाहता है भारत का समर्थन

श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत से मदद मांगी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद्य सामग्री की किल्लत व अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को खाद की आपूर्ति का भरोसा दिया है।

By Babli KumariEdited By: Published: Tue, 07 Jun 2022 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2022 12:12 PM (IST)
Sri Lanka Crisis: रिपोर्ट में हुआ खुलासा - श्रीलंका अपने संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र के लिए चाहता है भारत का समर्थन
श्रीलंका ने खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत से मदद मांगी

कोलंबो, एएनआइ। श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका अपने इस संकट की घड़ी में अपने पड़ोसी देश यानि भारत का मदद चाहता है। श्रीलंका के एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत से मदद मांगी है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने हाल ही में श्रीलंका के कृषि मंत्री से मुलाकात की। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए श्रीलंका को भारत के निरंतर समर्थन के बीच यह बैठक हुई।

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भारतीय उच्चायोग के अनुसार, पिछले दो महीनों के दौरान भारत सरकार और भारत के लोगों द्वारा दान की गई 25 टन से अधिक दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति का मूल्य एसएलआर 370 मिलियन के करीब है।

'पड़ोसी पहले' की निति पर मदद कर रहा है भारत

यह लगभग 3.5 बिलियन अमरीकी डालर की आर्थिक सहायता और अन्य मानवीय आपूर्ति जैसे चावल, दूध पाउडर, मिट्टी के तेल आदि की आपूर्ति के अतिरिक्त है। ये प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पड़ोसी पहले' नीति की गवाही देते हैं जो लोगों से लोगों के जुड़ाव को अपने मूल में रखती है। श्रीलंका के लोगों के लिए जारी प्रतिबद्धता भारत और श्रीलंका के लोगों द्वारा एक-दूसरे की भलाई के लिए दिए गए महत्व को प्रमाणित करती है।

आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल के कारण, श्रीलंका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन महीनों से हो रहे हैं, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को बाहर कर दिया गया है। पिछले हफ्ते, भारत ने श्रीलंका को कुल 3.3 टन आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति सौंपी।

ये मानवीय आपूर्ति संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र के लोगों को वित्तीय सहायता, विदेशी मुद्रा सहायता, सामग्री आपूर्ति और कई अन्य रूपों में भारत सरकार के चल रहे लगातार समर्थन की निरंतरता में शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मदद का दिया भरोसा

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद्य सामग्री की किल्लत व अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को खाद की आपूर्ति का भरोसा दिया है। विश्व बैंक ने भी यूरिया की खरीद के लिए श्रीलंका को वित्तीय मदद देने पर सहमति जताई है।

धान व चाय के उत्पादन में 50 प्रतिशत तक आ गई गिरावट

उल्लेखनीय है कि श्रीलंकाई सरकार ने आर्गेनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाते हुए रासायनिक खाद के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इसके कारण फसलों, खासकर धान व चाय के उत्पादन में 50 प्रतिशत तक गिरावट आ गई।

श्रीलंका कर रहा सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना

बता दें, 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मंदी की वजह COVID-19 महामारी के दौरान पर्यटन पर रोक के कारण विदेशी मुद्रा की कमी को बताया जाता है, जिसने देश को पर्याप्त ईंधन खरीदने में असमर्थ बना दिया। लोगों को भोजन और बुनियादी आवश्यकताओं, ईंधन और गैस की भारी कमी का सामना करना पड़ा।


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