Afghan Refugee: संकट की घड़ी में अफगान शरणार्थियों के लिए स्पेन बना मसीहा, 294 से अधिक नागरिकों को स्वीकारा
अफगान से पलायन कर रहे नागरिकों ने कई देशों का दरवाजा खटखटाया है। कई देशों की तरह स्पेन भी इनकी मदद के लिए आगे आया। स्पेन ने अब तक अफगानिस्तान से 3900 लोगों को अपने यहां रहने दिया है। भारत भी इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान के साथ डटा रहा।
मैड्रिड, एजेंसी। अफगानस्तिान में तालिबान सरकार पिछले साल 15 अगस्त को सत्ता में आया। इसके बाद अमेरिकी सेना भी वहां से वापस जा चुका। मार दिए जाने के आतंक और देश में मौजूदा संकट के कारण वहां से लोग पलायन करने पर मजबूर हुए हैं। लेकिन अब जाएं तो जाएं कहां।
अफगान से पलायन कर रहे नागरिकों ने कई देशों का दरवाजा खटखटाया है। जहां कई ने इनके लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए वहीं कई मदद के लिए आगे भी आए। इनमें से एक मददगार देश है स्पेन। स्पेन ने अपने यहां 294 से अधिक अफगानियों को रहने की इजाजत दे दी है।
समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेर्स ने अफगानों का स्वागत किया। ये अफगान नागरिक स्थानीय कर्मचारी हैं जो स्पेनिश सेना, सरकार और सहायता समूहों के साथ काम कर चुके हैं। अफगानिस्तान से जैसे ही अमेरिकी सेना की वापसी हुई उसी दौरान कई लोग पाकिस्तान भागकर चले गए थे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, स्पेन में इन कर्मचारियों के परिजनों को भी पनाह दी गई। शरणार्थियों को टोररेजोन डी अर्दोज़ के रिसेप्शन सेंटर में ले जाया गया, जो स्पेन में एक नई जिदंगी शुरू करने की दिशा में इनका पहला कदम था। मालूम हो कि स्पेन ने अब तक अफगानिस्तान से 3,900 लोगों को अपने यहां रहने दिया है।
यूएन रिफ्यूजी एजेंसी UNHCR के मुताबिक, साल 2021 के अंत तक साठ लाख से अधिक लोगों को जबरन देश से निकाल दिया गया। 35 लाख लोग देश के भीतर ही विस्थापित हुए हैं, वहीं 26 लाख लोग दुनिया भर के 98 अलग-अलग देशों में जाकर बस गए हैं। सबसे बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थी पाकिस्तान और ईरान में रह रहे हैं।
देश में तालिबान शासन के डर, युद्ध जैसी समस्याओं से परेशान होकर ये लोग अपना घर बार छोड़कर कहीं और जाकर बसने के प्रयास में हैं। मालूम हो कि भारत भी उन देशों में से हैं जो इस मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान के साथ डटा रहा।