साउथ कोरिया से चोरी छिपे नॉर्थ कोरिया पहुंचा व्यक्ति पाया गया कोरोना संक्रमित, मचा हडकंप
नॉर्थ कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि कोरोनावायरस फैलाने के मामले में एक व्यक्ति की पहचान की गई है वो नॉर्थ कोरिया का नहीं है बल्कि साउथ कोरिया का है और चोरी से यहां आया है।
सियोल (दक्षिण कोरिया), न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। नॉर्थ कोरिया में कोरोनावायरस का पहला मामले सामने आने के बाद अब अधिकारियों ने उसके बारे में सफाई दी है। नॉर्थ कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि कोरोनावायरस फैलाने के मामले में एक व्यक्ति की पहचान की गई है, ये व्यक्ति नॉर्थ कोरिया का नहीं है बल्कि वो साउथ कोरिया में इस वायरस से संक्रमित हुआ, उसके बाद वो चोरी छिपे समुद्र और फिर नाले के रास्ते से शहर में पहुंचा था, इसी व्यक्ति में कोरोनावायरस पाया गया है, इसकी पहचान कर ली गई है।
अब इसके बाद इससे बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। जिस व्यक्ति को कोरोना संक्रमित पाया गया है उसका नाम किम बताया गया है। कोरोना का मरीज पाए जाने के बाद नॉर्थ कोरिया में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को परेशान किया है। मगर अभी तक नॉर्थ कोरिया में इसका फैलाव नहीं हुआ था, न ही कोई मरीज पाया गया था मगर सोमवार को वहां पर भी एक मरीज में कोरोनावायरस की पुष्टि हो गई। मरीज मिलने के बाद अब वहां भी इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
प्रशासन इसे सख्ती से लागू करवा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि साल 2017 में किम पश्चिमी अंतर-कोरिया सीमा पर तैर गया, इससे एक संकीर्ण समुद्री जलडमरूमध्य के माध्यम से एक मार्ग का पता लगाता है। किम के परिवार का कहना है कि 19 जुलाई को वह नॉर्थ में एक शहर केसॉन्ग में सीमा पर वापस आ गया। यहां वो कांटेदार तारों की बाड़ के नीचे एक नाले के माध्यम से रेंगते हुए पहुंचा था। अधिकारियों का कहना है कि किम अब वापस लौटकर क्यों आया है इसका पता नहीं चल पाया है।
उधर साउथ कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने बताया कि उस आदमी को साउथ कोरियाई पुलिस ने पूछताछ के लिए रखा था, इस पर नॉर्थ कोरिया के ही उसके एक साथी ने पिछले महीने उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था। उसके बाद साउथ कोरिया पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। मगर वो किसी तरह से बचकर निकल गया। इसी के साथ नॉर्थ कोरिया में कोरोनावायरस का फैलाव हुआ है। अब नॉर्थ कोरिया में इसको लेकर एलर्ट जारी कर दिया गया है जिससे इसके फैलाव को रोका जा सके और कोरिया के लोग इसका शिकार न हों।