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पाकिस्तान यहां भी अलग-थलग पड़ा, कश्मीर मुद्दे पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी

लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा दक्षिण एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन में पारित माले घोषणापत्र में पाकिस्तानी संसदीय दल द्वारा किए गए सभी दावों की अनदेखी की गई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 08:36 PM (IST)
पाकिस्तान यहां भी अलग-थलग पड़ा, कश्मीर मुद्दे पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी
पाकिस्तान यहां भी अलग-थलग पड़ा, कश्मीर मुद्दे पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी

माले, प्रेट्र। मालदीव में दक्षिण एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन में पारित माले घोषणापत्र में भी पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है। कश्मीर पर पाक के किसी भी दावे को घोषणापत्र में जगह नहीं मिली। सम्मेलन के पहले दिन रविवार को भी पाकिस्तान को इस मुद्दे पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी।

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लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा, 'दक्षिण एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन में पारित माले घोषणापत्र में पाकिस्तानी संसदीय दल द्वारा किए गए सभी दावों की अनदेखी की गई है।'

पाक ने की कश्मीर मुद्दे उठाने की कोशिश
मालदीव की संसद मजलिस में सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) पर चर्चा के लिए चौथे दक्षिण एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन के पहले दिन रविवार को पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की। भारत की तरफ से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने तुरंत इस पर व्यवस्था का प्रश्न (प्वाइंट ऑफ आर्डर) उठाया। पीठासीन अधिकारी ने सूरी से कहा कि वह हरिवंश नारायण सिंह को बोलने दें, लेकिन उन्होंने एक न सुनी, जिस पर थोड़े समय के लिए हंगामा हो गया।

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उपसभापति हरिवंश ने दिया करारा जवाब
हरिवंश नारायण सिंह ने करारा जवाब देते हुए भारत के आंतरिक मामले को उठाने और इस मंच का राजनीतिकरण करने के लिए पाकिस्तान पर जोरदार प्रहार किया था। सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन के समापन पर पारित माले घोषणापत्र में खाद्य सुरक्षा, पोषण और रोजगार पर भारत के पक्ष को प्रमुखता मिली है।

लोकसभा अध्यक्ष अोम बिरला ने भूटानी समकक्ष से की बात
सम्मेलन से इतर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने अपने भूटानी समकक्ष वांग्चुक नामग्याल के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की। इसके अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान, और श्रीलंका के संसदीय प्रतिनिधियों के साथ भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आपसी हितों के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

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