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कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने HIV मरीजों की मुसीबत बढ़ाई, दक्षिण अफ्रीका की चिंता बढ़ी

यूएन एड्स के एक अध्ययन में पाया गया कि अकेले उप-सहारा अफ्रीका में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी की कमी से एड्स से पीडि़त 500000 अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:19 PM (IST)
कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने HIV मरीजों की मुसीबत बढ़ाई, दक्षिण अफ्रीका की चिंता बढ़ी
कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने HIV मरीजों की मुसीबत बढ़ाई, दक्षिण अफ्रीका की चिंता बढ़ी

जोहान्सबर्ग, एजेंसी। विश्‍‍‍वभर में कोरोना महामारी के प्रकोप एवं लॉकडाउन के चलते दक्षिण अफ्रीका और दुनिया भर में एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं की आपूर्ति को बाधित किया है। इस परिस्थिति ने वैश्विक स्‍तर पर 2.4 करोड़ से अधिक लोगों की जान को खतरे में डाल दिया हैं। इसमें सर्वाधिक प्रभावित एचआईवी संक्रमित लोग है। यूएन एड्स के एक अध्ययन में पाया गया कि अकेले उप-सहारा अफ्रीका में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी की कमी से एड्स से पीडि़त 500,000 अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं। 

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एचआइवी पॉजिटिव के मामले में दक्षिण अफ्रीका विशेष रूप से पीडि़त राष्‍ट्र है। यहां 70 लाख से अधिक लोग एचआइवी पॉजिटिव हैं। एचआइवी पीडि़तों के मामले में यह दुनिया की सबसे बड़ी संख्‍या है। एंटीरेट्रोवायरल कार्यक्रम का 62 फीसद हिस्‍सा केवल दक्षिण अफ्रीका के अधीन है। यूएनएड्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस प्रतिबंधों ने दवाओं के आयात और स्थानीय उत्पादन और दवाओं के वितरण दोनों में बाधा उत्पन्न की है। इसके अलावा कई एचआइवी रोगियों ने कोरोना वायरस के संपर्क में होने के डर से अक्सर भीड़ वाले क्लीनिकों में जाना बंद कर दिया है। कुछ अन्य लोग क्लीनिक तक पहुंचने के लिए किराए का परिवहन वहन नहीं कर सकते।

यूएनएड्स के कार्यकारी निदेशक विनी बयानीमा ने जून में कहा था कि देशों को इसके प्रभावों को कम करने और एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं की उपलब्धता के लिए तत्काल एक बड़ी योजना बनानी चाहिए। बयानीमा ने कहा कि मैं देशों और एचआईवी दवाओं के खरीदारों से आह्वान करता हूं कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्‍होंने कहा जिससे जीवन की रक्षा हो सके और नए एचआईवी संक्रमणों को रोका जा सके।

केंद्रीय जोहान्सबर्ग में क्लिनिकों में एचआइवी उपचार के लिए आने वाले मरीजों में 10 फीसद से 25 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। देश में कई नर्स और डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। इसके  चलते यहां कई क्लीनिकों को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स कार्यक्रम के उप निदेशक विनायक भारद्वाज ने कहा कि इससे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को खतरा बढ़ गया है। एचआइवी रिसर्च के एक चिकित्सक डॉ नोमेटेम्बा चंदीवाना ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि हम सह-संक्रमणों जैसे टीबी और अन्य संक्रमणों से मौतों में वृद्धि से चिंतित हैं।

 

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