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ओसामा का बेटा हमजा संभाल सकता है अलकायदा की कमान

आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा को इस आतंकी संगठन की कमान देने की तैयारी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 05:58 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 05:58 AM (IST)
ओसामा का बेटा हमजा संभाल सकता है अलकायदा की कमान
ओसामा का बेटा हमजा संभाल सकता है अलकायदा की कमान

पेरिस, एएफपी। आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा को इस आतंकी संगठन की कमान देने की तैयारी है। 'जिहाद का राजकुमार' कहा जाने वाला हमजा अब दुनिया भर के आतंकी संगठनों को जोड़ने की कवायद में है। ओसामा के पद्चिन्हों पर चलने वाला उसका प्रिय बेटा हमजा अब 28 बरस का हो चुका है। उसे अपने पिता के बनाए आतंकी संगठन की कमान संभालने के लिए बचपन से प्रशिक्षित किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के कुछ अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि खूंखार आतंकी संगठन आइएस के लड़ाकों के कमजोर पड़ने के चलते अब हमजा दुनिया भर के जिहादियों को एक-दूसरे से जोड़ सकता है।

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 कांबेटिंग टेरीरिज्म सेंटर (सीटीसी) में प्रकाशित एक रिपोर्ट में एफबीआइ के पूर्व विशेष एजेंट और अलकायदा विशेषज्ञ अली सौफान ने लिखा है कि बिन लादेन खानदान का सदस्य होने के नाते सभी जिहादी तबकों में हमजा को राजी-खुशी स्वीकार कर लिया जाएगा। सौफान का कहना है कि हमजा अपने पिता ओसामा की ही तरह अपने संदेश को बार-बार दोहराता है। अपने पिता के ही अंदाज में उन शब्दों को बोलता है। कई धड़े मानते हैं हमजा उनका नेता बन सकता है।

 कामयाबी या कुर्बानी

ओसामा के 20 बच्चों में से १५वीं संतान हमजा उसकी तीसरी बीवी से जन्मा बेटा है। उसे बचपन से अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने का सबक पढ़ाया गया है। 9/11 के आतंकी हमले से पहले ही अफगानिस्तान में हमजा को हथियार चलाना सिखाया जा चुका था। इतने ही नहीं, ऑनलाइन उसके वीडियो अपलोड किए जाते थे जिसमें उसे पतली आवाज में अमेरिकियों, यहूदियों के खिलाफ तबाही मचाने के संदेश देते दिखाया जाता था।

 व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमला होने से एक दिन पहले हमजा को अपने पिता ओसामा से अलग कर दिया गया था। उसके बाद वह उसे दोबारा नहीं देख सका। उसे अपनी कुछ बेगमों और अन्य बच्चों के साथ अफगानिस्तान के जलालाबाद में छिपाकर रखा गया था। उसके बाद उसे ईरान ले जाया गया। जहां वह सालों नजरबंद रहा। उसके छिपने का ठिकाना अब तक अज्ञात है। हालांकि सालों तक ओसामा और उसके प्रिय बेटे हमजा के बीच चिट्ठियों से संवाद होता रहा। यह चिट्ठियां पाकिस्तान के एबटाबाद स्थिति घर से मिली थीं, जहां ओसामा मारा गया था। इन पत्रों में हमजा ने अपने पिता को भरोसा दिलाया था कि वह जीत या बलिदान के लिए तैयार है।

 उसका कहना था कि उसे फौलाद का बनाया गया है। जुलाई २००९ में उसने लिखा कि उसे दुख है कि मुजाहिदीनों का जिहाद शुरू है और मैं उसमें हिस्सा नहीं ले पा रहा हूं। अगस्त 2015 के एक आडियो संदेश में हमजा ने अपने पिता और बड़े भाई खालिद को शहीद बताया था। खालिद भी एबटाबाद में ओसामा को बचाने की कोशिश में मारा गया था। इस संदेश में उसने काबुल से बगदाद तक, गाजा से वाशिंगटन, लंदन, पेरिस और तेलअवीव के जिहादियों से हमला करने की अपील की थी। इसके एक साल बाद उसने कहा-हम सब ओसामा हैं। उसके 18 माह बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने उसका नाम भी आतंकियों की काली सूची में डाल दिया।

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