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मालदीव के नए राष्ट्रपति बने सोलिह, शपथग्रहण समारोह में पहुंचें पीएम मोदी

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित पीएम मोदी पहली बार मालदीव गए हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 10:00 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:41 AM (IST)
मालदीव के नए राष्ट्रपति बने सोलिह, शपथग्रहण समारोह में पहुंचें पीएम मोदी
मालदीव के नए राष्ट्रपति बने सोलिह, शपथग्रहण समारोह में पहुंचें पीएम मोदी

माले, एएफपी/प्रेट्र। इब्राहिम मुहम्मद सोलिह शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। माले के नेशनल फुटबाल स्टेडियम में लगी संसद में विश्व के कई नेताओं के समक्ष उन्होंने शपथ ली। इस मौके पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह को बधाई देते हुए कहा कि वह उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाएंगे। सोलिह ने सितंबर में हुए चुनावों में विपक्षी गठबंधन के दम पर चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन को हराया है।

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वर्ष 2013 में यामीन के सभी प्रमुख विद्रोहियों को जबरन जेल में डालने या देश निकाला देने के बाद 54 वर्षीय सोलिह विपक्षी गठबंधन 'मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी' के साझा उम्मीदवार बनकर उभरे। अपने शपथ ग्रहण समारोह में सोलिह ने कहा विक भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने को प्रतिबद्ध हैं। मालदीव हिंद महासागर में शांति और सद्भाव बनाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाएगा।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित पीएम मोदी पहली बार मालदीव गए हैं। मोदी का वहां गर्मजोशी से स्वागत हुआ और उन्हें रिसीव करने मालदीव के नए स्पीकर कासिम इब्राहिम लेने पहुंचे। सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी मालदीव के पूर्व राष्ट्रपतियों मुहम्मद नाशीद और मौमून अब्दुल गयूम के साथ बैठे थे। इस समारोह में श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे भी शामिल हुईं। मोदी ने ट्वीट किया कि मालदीव के राष्ट्रपति बनने पर सोलिह को बधाई। उन्हें उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं। उनके साथ काम करके दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे।

मोदी ने ट्वीट करके कहा कि वह भारत सरकार मालदीव में विकास को प्राथमिकता पर रखते हुए आधारभूत ढांचा खड़ा करने, स्वास्थ्य क्षेत्र, कनेक्टिविटी और मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में विशेष रूप से काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि दक्षेस देशों में मालदीव ही ऐसा अकेला देश था जिसमें अब तक मोदी नहीं गए थे। उल्लेखनीय है कि यामीन के इसी साल पांच फरवरी को आपातकाल लागू करने के बाद भारत के रिश्ते मालदीव से तनावपूर्ण हो गए थे। वहां केवल 45 दिन ही आपातकाल रहा था।


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